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इंदौर की दो फीमेल इंटरप्रेन्योर्स के आइडियाज मप्र के टॉप-3 में

रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों को रोजगार और बायो डिग्रेडेबल प्रोडक्ट्स से प्रदेश होगा स्वच्छ

इंदौरNov 16, 2018 / 02:21 pm

हुसैन अली

इंदौर. शहर की दो फीमेल इंटरप्रेन्योर्स के आइडियाज से प्रदेश समृद्ध होगा। अगर शासन ने उनके आइडिया को अपना लिया तो फिर रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों को रोजगार तो मिलेगा ही, बायो डिग्रेडेबल प्रोडक्ट्स से प्रदूषण मुक्त वातारण भी मिल सकेगा। समृद्ध एमपी आइडिया कॉम्पीटिशन में शहर की नुपूर सिंह ने फस्र्ट व सुरभि शाह ने सेकंड स्थान मिला है। दोनों को हाल ही में सीएम शिवराजसिंह चौहान ने ट्रॉफी से नवाजा है। नूपुर ने कहा, यह अवॉर्ड मिलने से जिम्मेदारी और बढ़ गई है।
रैंक-1 : नूपुर सिंह
आइडिआ: रीइन्वेंट ऑन वेब पोर्टल
समस्या: 46 फीसदी पुरुष और 11 फीसदी महिलाएं 55 वर्ष या उससे अधिक की उम्र में भी सक्रिय रूप से रोजगार की तलाश में हैं। एसएमई और स्टार्टअप उद्योगों के लिए सीनियर पोजीशन पर उच्च वेतन कर्मचारियों को नियुक्त करना कंपनी की आर्थिक दृष्टिकोण से संभव नहीं है। उद्योगों के लिए रिटायर्ड कर्मचारियों को नियुक्त (पार्ट टाइम ) करने के लिए अभी तक कोई टेक्नोलॉजी या जॉब पोर्टल नहीं है, जहां सभी अनुभवी कार्य करने के इच्छुक रिटायर्ड कर्मचारियों के प्रोफाइल का संग्रह हो।
लक्ष्य: सेवानिवृत कुशल सेवा कर्मियों का नॉलेज बैंक बनाना। इसके तहत डिजिटल पोर्टल बनाकर सेवानिवृत व्यक्तियों का पंजीयन कर उद्योगों को कम लागत में, ट्रेंड सेवाकर्मी उपलब्ध कराना, सेवानिवृतों को आत्मनिर्भर बनाना।
समाधान: वेब आधारित एक ऐसा प्लेटफार्म देना, जहां अनुभवी व दक्ष सेवानिवृत्त नागरिक पूर्ण कलिक, अंश कालिक सेवाएं दे सकें।
लाभ: उद्योगों को अपेक्षाकृत कम लागत में अनुभवी एवं दक्ष कर्मियों की सेवाएं उपलब्ध होंगी। सेवानिवृत्ती के बाद भी अनुभवी व्यक्ति को सक्रिय रखने का माध्यम मिलेगा। वे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक रूप से अपने आप को सशक्त बना सकेंगे।
रैंक-2 : सुरभि शाह व निर्मित शाह

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आइडिया: कराग्रीन इंदौर
समस्या: वर्तमान दौर में शहरों की सबसे बड़ी परेशानी है प्लास्टिक कचरा। इससे कैंसर जैसे रोग होते हैं। पर्यावरण व जलीय प्रदूषण के कारण हजारों मौतें हो रही हैं। बायो डिग्रेडेबल न होने से प्लास्टिक वातावरण में ही रह जाता है, जिससे अनगिनत समस्याएं होती हैं।
लक्ष्य: समाज में हो रहे प्लास्टिक उपयोग को कम करने का प्रयास करना। प्लास्टिक के बदले बायो डिग्रेडेबल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल बढ़ाना। इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर है, लेकिन अब इसे प्रदूषण मुक्त भी बनाना है, इसलिए शुरुआत इंदौर से होगी और धीरे-धीरे पूरे प्रदेश में लागू करेंगे।
समाधान: प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर बायो डिग्रेडेबल प्रोडक्ट्स बनेंगे। ये नॉन टॉक्सिक बायो डिग्रेडेबल व कम्पोस्टेबल रहेंगे। कैरी बैग्स, पाउच, फूड कंटेनर जैसी रोजमर्रा की चीजें बनाएंगे। पैकिंग का इको-फ्रेंडली समाधान होगा। फिर भूसे से प्लेट, चम्मच व बर्तन बनाएंगे। इससे भूसा जलाने पर जो प्रदूषण होता है, उससे मुक्ति मिलेगी। साथ ही किसानों को भूसे का उपयुक्त दाम मिलेगा।
लाभ: प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करने से वायु, जल व धरती के प्रदूषण को कम करने में हर नागरिक सहयोगी बन सकेगा। पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझेगा। प्लास्टिक का उपयोग कम होगा।
क्या है समृद्ध एमपी अवॉर्ड
आइडिया कॉम्पीटिशन का लक्ष्य प्रदेश में इनोवेशन के जरिए विकास करने में युवाओं की भागीदारी बढ़ाना है। इस अवॉर्ड के जरिए इंटरप्रेन्योरशिप को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश के युवाओं के लिए अपने विचारों व उत्पादों को पेश करने के लिए मंच देने के लिए यह कॉम्पीटिशन तैयार की गई है।

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