बगैर एनओसी ग्रीन बेल्ट में अलॉट हुई थीं खदानें
खनन विभाग ने अम्बरा माइनिंग कंपनी को रेवती रेंज और उमरिया में खदानें लीज पर दी थी। दोनों लीज जिस खसरे पर दी थी, वह खसरे मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट में शामिल थे, जबकि ग्रीन बेल्ट में खनन प्रतिबिंधित होता है। लीज नियमों के तहत खनन के लिए नगर एवं ग्राम निवेश विभाग (टीएनसीपी) की एनओसी जरूरी है, लेकिन कंपनी के पास एनओसी नहीं थी। वहीं हाईकोर्ट में केस लगने के बाद भी इन खदानों को दबाने के चलते बंद नहीं कराया था। हाईकोर्ट की कड़ी फकार के बाद जिला प्रशासन ने इन खदानों की लीज निरस्त की। शहर से सबसे नजदीक होने से एक समय मूरम, गिट्टी सप्लाय करने में अम्बरा माइनिंग की मोनोपॉली थी। इसके चलते काफी पैसा बनाया था।
डिजियाना-कौटिल्य अकादमी पर छापे
कैलाश विजयवर्गीय का पीए था मनीषी श्रीवास्तव
आयकर विभाग ने मनीषी श्रीवास्तव के राजश्री कॉलोनी के घर भी छापा मारा है। कुछ समय पहले तक मनीषी कैलाश के निज सहायक के तौर पर काम करता था। कैलाश के महापौर और मंत्री रहने के दौरान वह पूरे समय साथ रहा। मनीषी से जुड़ी फर्म ने 2008 के पहले नगर निगम में कचरा उठाने के लिए 8 गाड़ियों को अटैच किया। वहीं कलाश के मंत्री रहने के दौरान अम्बरा माइनिंग को खनन के लिए खदानें दी थीं।
आयकर की जांच में 150 करोड़ की कर चोरी के सबूत मिले
इधर, भोपाल में डिजियाना ग्रुप और कौटिल्य एकेडमी पर आयकर विभाग की इन्वेस्टीगेशन टीम की ओर सी की जा रही जांच में करोड़ों रुपए की कर चोरी का पता चला है। जांच में बांदा (यूपी) के मंगल सिंह का नाम भी सामने आया है, जो फर्जी तरीके से लोन बांटता था। उसके यहां बेनामी प्रापर्टी के दस्तावेज भी मिले हैं। डिजियाना ग्रुप में जांच टीम को करीब 150 करोड़ रुपए की रेत चोरी के सबूत मिले हैं। इसेक अलावा डिजियाना और कौटिल्य एकेडमी के मिलाकर 2.50 करोड़ रुपए नकद मिले हैं। ज्यादा राशि डिजियाना ग्रुप के पास मिली है। 35 करोड़ रुपए से अधिक के बोगस शेयर के दस्तावेज सामने आए हैं।