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इंदौर

एमजीएम डीन बोले, खत्म हुई हड़ताल, जूडा ने कहा, जारी रहेगा आंदोलन

निकाला कैं डल मार्च, डीन का कहना है, काम पर लौटने के बाद होगा निलंबित पदाधिकारियों का फैसला

इंदौरJul 28, 2018 / 11:34 am

amit mandloi

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इंदौर. पांच दिन से चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही। भोपाल में गांधी मेडिकल कॉलेज के बॉस्केटबॉल कोर्ट में 200 से ज्यादा जूनियर डॉक्टरों की बैठक के बाद जूडा के दो फाड़ हो गए। भोपाल, जबलपुर और रीवा मेडिकल कॉलेज के जूनियर डाक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी, वहीं इंदौर के महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज और ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज के जूडा के प्रतिनिधियों ने कहा, आंदोलन जारी रहेगा।
उधर, एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. शरद थोरा ने हड़ताल खत्म होने की जानकारी देते हुए कहा कि हड़ताल के दौरान जूडा के निलंबित सदस्यों का फैसला जूनियर डॉक्टर्स के काम पर लौटने के बाद होगा। हालांकि इससे असमंजस की स्थिति बन गई है, कि शनिवार को जूडा काम पर लौटेंगे या नहीं। शुक्रवार शाम सात बजे जूनियर डॉक्टर्स ने कॉलेज परिसर में ही कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया।
कोर्ट की सख्ती और एस्मा की कार्रवाई के बावजूद अपनी मांगों को लेकर अड़े जूनियर डॉक्टरों से शुक्रवार दोपहर एमजीएम मेजिकल कॉलेज डीन डॉ. शरद थोरा व एमवाएच अधीक्षक डॉ. वीएस पाल ने विभागाध्यक्षों की उपस्थिति में चर्चा कर हल निकालने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। विभागाध्यक्षों ने जूनियर डॉक्टरों से कहा कि आपकी मांगों पर विचार होगा, लेकिन पहले काम पर लौटें। वहीं जूनियर डॉक्टर्स ने कहा, जिन पदाधिकारियों पर कार्रवाई हुई है पहले उसे वापस लिया जाए। डीन डॉ. थोरा ने कहा, हम भी किसी पर कार्रवाई नहीं चाहते। स्टाइपेंड बढ़वाने का प्रयास कर रहे है। दिनभर चली उठा-पटक के बाद देर शाम भोपाल में भोपाल जूडा और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई। डीन डॉ. थोरा के अनुसार भोपाल जूडा ने हड़ताल खत्म करने का पत्र लिखकर दिया है। शनिवार से जूनियर डॉक्टर काम पर लौटेंगे तो निलंबन खत्म करने पर भी फैसला लिया जाएगा।
केवल सामान्य सर्जरी हुई : हड़ताल के चलते एमवाय अस्पताल के सर्जरी और आर्थोपेडिक्स विभाग में सबसे ज्यादा परेशानी हुई। गायनिक वार्ड पर भी काफी दबाव रहा। नर्सिंग स्टाफ के काम संभालने से इलाज में काफी मदद मिली। ओटी में सामान्य सर्जरी ही हो पा रही हैं। इएनटी विभाग में गंभीर मरीजों की सर्जरी के लिए एक सप्ताह बाद का वक्त दिया जा रहा है। शुक्रवार को अस्पताल की ओपीडी में 2100 मरीज पहुंचे। हालांकि, सीनियर डॉक्टर्स ८ की बजाए १० बजे तक ही पहुंचे। दोपहर एक बजे मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन की जनरल बॉडी की मीटिंग हुई। सभी एचओडी ने जूनियर डॉक्टर्स को हड़ताल से लौटने की समझाइश भी दी। हालांकि इलाज नर्सिंग स्टाफ, असिस्टेंट प्रोफेसर और आरएमओ के भरोसे ही चला।
इस्तीफे देंगे सवा सौ शिक्षक

जूनियर डॉक्टर्स की मांग का मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन भी समर्थन कर रहा है। शुक्रवार को एसोसिएशन की बैठक में टीचर्स की मांग नजरअंदाज किए जाने का भी मुद्दा उठा। सवा सौ टीचर ने अपनी मांगों को लेकर एमजीएम में बैठक की। इसमें निर्णय लिया गया कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता तो सोमवार को सारे टीचर्स एक साथ इस्तीफा देंगे। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन प्रमुख मांगों में सातवां वेतनमान, पदोन्नति, ग्रेज्युटी सहित अन्य मांगें शामिल है। एमजीएम के प्रवक्ता डॉ राहुल रोकड़े ने बताया की जब सभी विभागों में सातवां वेतनमान दिया जा रहा है, तो मेडिकल विभाग को इससे अलग क्यों रखा जा रहा है।

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