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डिलीवरी होते ही खून से लथपथ बच्चा परिजन को सौंप एमवायएच किया रैफर, रास्ते में हो गई मौत 20 अप्रैल 2018 को इंदौर के इतिहास में काले दिवस के रूप में देखा जाएगा। राजबाड़ा पर माता-पिता के साथ सो रही चार साल की बच्ची को नवीन गडक़े नामक युवक उठाकर ले गया और बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी थी। निचली अदालत ने मामले में सुनवाई कर एक माह में नवीन को दोहरी फांसी की सजा सुनाई, जिसे हाईकोर्ट की डीबी ने भी बरकरार रखा। दिसंबर 2018 को नवीन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जिस पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की संयुक्त पीठ ने फांसी पर रोक लगा दी, तब से मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
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दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने आया युवक नदी में डूबा, शव देख माता-पिता हुए बेहोश फुटपाथ पर जीवन निकाल रहा परिवार अपनी बेटी के हत्यारे को फांसी दिए जाने की राह देख रही मां कल कलेक्टोरेट में चल रही जनसुनवाई में पहुंची। दरकार लगाते हुए कहा कि घटना के दौरान पुलिस और प्रशासन की ओर से परिवार की आर्थिक मदद करने की बात कही गई थी, जो आज तक नहीं की गई। साथ में प्रशासन ने मकान देने का भी कहा था, लेकिन वह भी नहीं दिया गया। गौरतलब है कि पीडि़त परिवार फुटपाथ पर सोकर जीवन निकाल रहा है, तो गुब्बारे बेचकर अपना पेट पालता है। इसको देखते हुए अफसरों ने मदद करने की घोषणा की थी।