खास बात यह है कि पर्यटकों को ठहराने के लिए पार्क में मड हाऊस यानी मिट्ठी के घर बन रहे हैं। इसके साथ ही एडवेंचर्स एक्टिविटी के लिए यहां कैम्प फायर की सुविधा भी रहेगी। पार्क में प्रवेश करने के लिए पर्यटकों को महज बीस रूपए का शुल्क देना होगा। फिलहाल यहां की सुविधाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
पौधों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे ताकि पर्यटकों को इनसे जुड़ी जानकारी मिल सके- इस घने जंगल में पार्क में कुछ खूबसूरत पौधे भी रखे जाएंगे। पौधों पर क्यूआर कोड लगाए जाएंगे ताकि पर्यटकों को इनसे जुड़ी जानकारी मिल सके। पार्क में झोपड़ियां बनाई गई हैं और इसके साथ ही मड हाऊस भी बनाए जा रहे हैं। इन्हें तालाबों के पास बनाया जा रहा है ताकि पर्यटक यहां रात में भी रुक सकेंगे। इंदौर वनमंडल के डीएफओ नरेंद्र पंडवा के अनुसार पर्यटकों के लिए मड हाऊस और टेंट की सुविधा भी रखेंगे।
यहां पर्यटकों के लिए मल्टीपल ट्रैक उपलब्ध है. जंगल घूमनेवालों के लिए 2 किमी का पैदल ट्रैक होगा। ट्रैकिंग करने वालों के लिए पहाड़ी पर थोड़ी ऊंचाई का भी ट्रैक बनाया गया है जोकि करीब 6 किमी लंबा है। जंगल सफारी के लिए 10 किमी में घूमने की सुविधा भी जुटाई जा रही है. हालांकि इसके लिए पर्यटकों को अभी इंतजार करना होगा. विभाग की सफारी शुरू करने योजना कुछ महीनों बाद की है। डीएफओ के मुताबिक जंगल सफारी के लिए पर्यटकों का रूझान देखने के बाद ही यहां जिप्सी चलाएंगे। इसमें थोड़ा समय लगेगा।