लाइब्रेरी की जगह भी
निगम का प्लान है कि इस जगह पर मल्टीलेवल पार्किंग के साथ ही लाइब्रेरी भी बनाई जाए। नगर निगम की नेहरू पार्क स्थित लाइब्रेरी की जगह यहां स्मार्ट सिटी का दफ्तर बनने के बाद काफी कम रह गई है। और यहां पर लाइब्रेरी बनने से न सिर्फ जनता को बल्कि नगर निगम को भी फायदा होगा। हालांकि अभी नगर निगम इसकी डिजाइन तैयार करवाने में लगा है।
निगम का प्लान है कि इस जगह पर मल्टीलेवल पार्किंग के साथ ही लाइब्रेरी भी बनाई जाए। नगर निगम की नेहरू पार्क स्थित लाइब्रेरी की जगह यहां स्मार्ट सिटी का दफ्तर बनने के बाद काफी कम रह गई है। और यहां पर लाइब्रेरी बनने से न सिर्फ जनता को बल्कि नगर निगम को भी फायदा होगा। हालांकि अभी नगर निगम इसकी डिजाइन तैयार करवाने में लगा है।
नहीं बढ़ाई थी लीज
1998 में नगर निगम ने इस जमीन की लीज बढ़ाई थी। जिसकी अवधि 11 सितंबर को खत्म हो चुकी है। वहीं, लीजधारक विमल और दीपक कुमार ठाकुरिया ने लीज अवधि बढ़ाने के लिए अगस्त माह में ही नगर निगम को आवेदन दिया था, लेकिन नगर निगम ने जमीन की खुद को आवश्यकता बताते हुए लीज अवधि बढ़ाने का आवेदन निरस्त कर दिया था।
1998 में नगर निगम ने इस जमीन की लीज बढ़ाई थी। जिसकी अवधि 11 सितंबर को खत्म हो चुकी है। वहीं, लीजधारक विमल और दीपक कुमार ठाकुरिया ने लीज अवधि बढ़ाने के लिए अगस्त माह में ही नगर निगम को आवेदन दिया था, लेकिन नगर निगम ने जमीन की खुद को आवश्यकता बताते हुए लीज अवधि बढ़ाने का आवेदन निरस्त कर दिया था।
5 मंजिला होगी
रीगल चौराहे के आसपास के हिस्से में कोई बड़ी मल्टीलेवल पार्किंग नहीं है। रेलवे और सरवटे बस स्टैंड के साथ ही आरएनटी मार्ग में आने वाली चार और दो पहिया गाडिय़ों के लिए निगम यहां 5 मंजिला पार्किंग बनाकर 200 चार पहिया व 1 हजार दो पहिया वाहनों के लिए जगह बनाएगा।
रीगल चौराहे के आसपास के हिस्से में कोई बड़ी मल्टीलेवल पार्किंग नहीं है। रेलवे और सरवटे बस स्टैंड के साथ ही आरएनटी मार्ग में आने वाली चार और दो पहिया गाडिय़ों के लिए निगम यहां 5 मंजिला पार्किंग बनाकर 200 चार पहिया व 1 हजार दो पहिया वाहनों के लिए जगह बनाएगा।
इस जगह का इस्तेमाल हम शहर हित में करना चाहते हैं। इसलिए लीज को नहीं बढ़ाया गया। जमीन वापसी के लिए कार्रवाई भी शुरू कर रहे हैं। जो केस चल रहा है उसके अलावा भी अपनी ओर से प्रक्रिया कर रहे हैं।
सुधीर देडग़े, प्रभारी, योजना शाखा, नगर निगम
सुधीर देडग़े, प्रभारी, योजना शाखा, नगर निगम
होल्कर स्टेट ने दी थी जमीन
रीगल टॉकीज की शुरुआत महाराजा यशवंतराव होलकर के चलते हुई थी। महाराज यशवंतराव ने इंदौर में एक भव्य टॉकीज खोलने का सपना देखा था। उनके इस सपने को पूरा करने के लिए सेठ धन्नालाल ठाकुरिया आगे आए थे। होलकर स्टेट से उन्हें स्टेशन के पास की ये जमीन 1930 में दी गई थी। 1934 में इसका उद्घाटन होलकर स्टेट क्रिकेट टीम के कप्तान कर्नल सीके नायडू ने किया था। इस टॉकीज में पहली फिल्म राजा हरिशचंद्र लगी थी।
रीगल टॉकीज की शुरुआत महाराजा यशवंतराव होलकर के चलते हुई थी। महाराज यशवंतराव ने इंदौर में एक भव्य टॉकीज खोलने का सपना देखा था। उनके इस सपने को पूरा करने के लिए सेठ धन्नालाल ठाकुरिया आगे आए थे। होलकर स्टेट से उन्हें स्टेशन के पास की ये जमीन 1930 में दी गई थी। 1934 में इसका उद्घाटन होलकर स्टेट क्रिकेट टीम के कप्तान कर्नल सीके नायडू ने किया था। इस टॉकीज में पहली फिल्म राजा हरिशचंद्र लगी थी।
एक दिन पहले रिलीज होती थी फिल्म
रीगल सिनेमा के पास में ही यशवंत टॉकीज, बेम्बिनो, मधुमिलन, सरोज, चंद्रगुप्त, नीलकमल, प्रकाश, मिल्की वे व श्रीकृष्ण टॉकीज थे। रीगल टॉकीज सभी के मध्य क्षेत्र में होने के कारण ये केंद्र बिंदु था। वहीं इतनी संख्या में टॉकीज होने के कारण इंदौर फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए बड़ा हब बन गया था। इन सभी के दफ्तर रीगल के पीछे मौजूद थे। इसके कारण इस कॉलोनी का नाम ही फिल्म कॉलोनी पड़ गया। इंदौर में कई बड़ी फिल्म प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों जिनमें टिप्स, राजश्री के दफ्तर थे। कभी इंदौर में देश से एक दिन पहले गुरुवार को फिल्म रिलीज होती थी।
रीगल सिनेमा के पास में ही यशवंत टॉकीज, बेम्बिनो, मधुमिलन, सरोज, चंद्रगुप्त, नीलकमल, प्रकाश, मिल्की वे व श्रीकृष्ण टॉकीज थे। रीगल टॉकीज सभी के मध्य क्षेत्र में होने के कारण ये केंद्र बिंदु था। वहीं इतनी संख्या में टॉकीज होने के कारण इंदौर फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए बड़ा हब बन गया था। इन सभी के दफ्तर रीगल के पीछे मौजूद थे। इसके कारण इस कॉलोनी का नाम ही फिल्म कॉलोनी पड़ गया। इंदौर में कई बड़ी फिल्म प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों जिनमें टिप्स, राजश्री के दफ्तर थे। कभी इंदौर में देश से एक दिन पहले गुरुवार को फिल्म रिलीज होती थी।