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हनीट्रैप मामले में तीन आरोपियों की जमानत याचिका कोर्ट ने की खारिज शहर में ऐसे कई लोग हैं जो जल कर नहीं भरते। मुफ्त पानी का उपयोग करते हैं। इन पर लाखों राशि बकाया है, जिसे वसूलने में राजस्व अमला हमेशा से नाकाम ही रहा है। कारण जलकर के बजाय संपत्तिकर वसूली पर फोकस देना रहता है। नतीजनत हर वर्ष जलकर के नाम पर निगम खजाने में 30 से 35 करोड़ रुपए ही खर्च होते हैं, जबकि जलूद से इंदौर तक पानी लाने में हर वर्ष 210 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च हो जाते हैं।
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हनी ट्रैप मामला : नगर निगम में प्रतिनियुक्ति पर आए अफसरों को बाहर करो 300 करोड़ रुपए है बकाया निगम में जलकर के 2 लाख 50 हजार के आसपास खाते हैं। इन पर 300 करोड़ रुपए तक बकाया है। इसे वसूलने की प्लानिंग होती है, लेकिन निगम वसूल नहीं पाता है। इसके साथ ही कई लोगों ने अवैध तरीके से कनेक्शन कर रखे हैं। इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न होने की वजह से शहर के कई इलाकों में मुफ्त में पानी का उपयोग हो रहा है। जलकर की बकाया राशि वसूलने में नाकाम निगम राजस्व विभाग ने 30 सितंबर 2019 तक जलकर की राशि जमा न करने पर १ अक्टूबर से 10 प्रतिशत सरचार्ज लगाने की तैयारी कर ली है।
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रीगल टॉकीज को खाली करने के लिए दिया 14 दिन का समय वसूली के लिए कर रहे सख्ती राजस्व विभाग के अपर आयुक्त एस. कृष्णन चैतन्य ने कहा कि जलकर की बकाया राशि वसूलने के लिए सख्ती की जाएगी। जिस तरह से संपत्तिकर वसूली होती है उसी तरह जलकर वसूली होगी। लोगों से अपील की गई है कि 30 सितंबर तक जलकर की राशि जमा कर दें ताकि 1 अक्टूबर से लगने वाले 10 प्रतिशत सरचार्ज से बचा जा सके। जलकर की राशि बकाया होने पर निगम द्वारा बकायादार के नल कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जाएगी।