scriptअस्पताल में नवजात की मौत, जांच में दोषी मिले प्रभारी, ड्यूटी डॉक्टर, नर्स और सिस्टर | Newborn death in hospital, convicted in charge, doctor, nurse, sister | Patrika News

अस्पताल में नवजात की मौत, जांच में दोषी मिले प्रभारी, ड्यूटी डॉक्टर, नर्स और सिस्टर

locationइंदौरPublished: Jul 19, 2019 02:35:48 pm

मल्हारगंज पॉलीक्लिनिक में नवजात की मौत के मामले में संभागीय संयुक्त संचालक ने गठित की थी समिति
 

indore

अस्पताल में नवजात की मौत, जांच में दोषी मिले प्रभारी, ड्यूटी डॉक्टर, नर्स और सिस्टर

इंदौर. पिछले दिनों मल्हारगंज पॉलीक्लिनिक (लाल अस्पताल) में नवजात की मौत के मामले में संभागीय संयुक्त संचालक द्वारा गठित समिति ने संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी को जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इनमें ड्यूटी नर्स वैशाली नाडकर्णी के अलावा इंचार्ज सिस्टर, ड्यूटी डॉ. वंदना केसरी और अस्पताल प्रभारी डॉ. अशोक मालू को दोषी माना है।
must read : बलात्कार पीडि़ता ने बच्चे को दिया जन्म, फिर दिखाई बेरुखी, नवजात की मौत

स्वास्थ्य मंत्री के आदेश के बाद यह समिति गठित की गई थी। संभागीय संयुक्त संचालक ने डॉ. एचएन नायक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। संभागायुक्त त्रिपाठी को सौंपी गई रिपोर्ट में ड्यूटी सिस्टर वैशाली नाडकर्णी और इंचार्ज सिस्टर वैजयंती वर्मा के खिलाफ विभागीय जांच के लिए कहा है। उन्हें भी अस्पताल में रोस्टर व नाइट ड्यूटी के लिए ऑन कॉल रजिस्टर की व्यवस्था नहीं किए जाने का दोषी माना है।
must read : स्कूल टीचर ने दोस्ती से किया इंकार, सिरफिरा पहुंच गया घर, घंटी बजाकर करता रहा परेशान

ये था मामला

करीब एक सप्ताह पहले की बात है जब एक दिन के नवजात को इलाज नहीं मिलने से मौत हो गई। मामला मल्हारगंज पॉलीक्लीनिक (लाल अस्पताल) का है, जहां डॉक्टर न होने से महिला की डिलीवरी नर्स ने कराई। जब बच्चा नहीं रोया तो इलाज करने के बाद उसे एमवाय अस्पताल रैफर कर दिया गया। जननी एक्सप्रेस बुलाना तक उचित नहीं समझा। एमवाय अस्पताल ले जाने के दौरान ही ऑक्सीजन नहीं मिल पाने से बच्चे ने दम तोड़ दिया। मृत बेटे को गोद में लेकर परिजन भटकते रहे। लाल अस्पताल प्रभारी डॉ. अशोक मालू ने तो असंवेदनशीलता की हद पार कर दी।
indore
अस्पताल की बिल्डिंग में ऊपरी माले पर वे रहती हैं, लेकिन आकस्मिक स्थिति में भी वे नहीं पहुंचीं। जबकि किसी भी स्टाफ को अस्पताल परिसर में आवास परिसर देने का मतलब यही होता है कि ऐसी स्थिति में वे तुरंत आ सके, लेकिन सिस्टर इंचार्ज नहीं पहुंचीं। जांच समिति को ऑन कॉल ड्यूटी रजिस्टर नहीं मिला। जिस रात यह घटना हुई, उस दिन भी नाडकर्णी सिस्टर ने सिर्फ फोन कर दिया। इसकी कोई एंट्री नहीं की गई।
must read : बच्चों ने बस से देखा तो खून से लथपथ पड़ी थी उनकी मैडम, खड़े-खड़े तमाशा देख रहे थे लोग

जांच रिपोर्ट में माना गया है कि नाडकर्णी ने रात को डॉ. वंदना केसरी को फोन किया था, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। डॉ. केसरी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लिखा है। अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर थे, लेकिन फिर स्टाफ ने बिना ऑक्सीजन के रैफर कर दिया। एम्बुलेंस 108 में भी भेजा जा सकता था। इसलिए अस्पताल प्रभारी डॉ. मालू के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो