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ड्रग मैन्यूफैक्चरर्स ने स्वास्थ्य मंत्री से कहा- इंदौर में होती थीं 400-500 लघु दवा इकाइयां, आज बचीं सिर्फ 75 तकरीबन दो वर्ष पहले रानीपुरा स्थित पटाखा दुकानों में आग लगई गई थी। इस भीषण अग्निकांड में 9 लोग जलकर मर गए थे। शहर के बीच हुए इस अग्निकांड को देख जिला प्रशासन और निगम के अफसर जागे। साथ ही रानीपुरा क्षेत्र में पटाखे बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया। थोड़े दिन तक यह सख्ती रही और बाद में फिर से चोरी-चुपके पटाखे बिकना शुरू हो गए, लेकिन जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर पाया। रानीपुरा की जिस 9/1, बिल्डिंग की पटाखा दुकानों में आग लगी थी, उसकी मरम्मत के साथ अन्य निर्माण पर निगम ने रोक लगा दी थी।
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शहीद जवान से लिपटकर 8 साल के भांजे ने खाई कसम, सेना में भर्ती होकर पाक से बदला लूंगा पटाखों के जलने से हुए विस्फोट की वजह से बिल्डिंग जर्जर अलग हो गई। इस पर निगम ने बिल्ंिडग को खतरनाक अलग घोषित कर दिया। यह कार्रवाई करने के बाद निगम भी चेन की नींद सो गया। नतीजतन बिल्डिंग के मालिकों ने निगम की बैगर अनुमति के अवैध तरीके से निर्माण शुरू कर दिया। इसकी शिकायत जब निगम भवन अनुज्ञा शाखा में पहुंची तो कार्रवाई के लिए संबंधित जोन क्रमांक 11 नेहरू स्टेडियम के बिल्डिंग अफसर असीत खरे को निर्देशित किया गया। इस पर उन्होंने 14 जून 2019 को 9/1, रानीपुरा पर दुकान मालिक जैनु²ीन और जतिन्दर कौर सहित अन्य को नोटिस जारी किया। नोटिस को तामिल कराने के लिए उन्होंने कर्मचारी को भेजा, लेकिन मौके पर यह दोनों के नहीं मिले। इस पर निगम ने दुकान पर नोटिस चस्पा कर दिया।
इसमें निगम की बिना अनुमति के दुकानों में मरम्मत के साथ अवैध निर्माण तत्काल रोकने का कहा गया। इसके साथ ही सख्त हिदायत दी गई कि बिल्डिंग के स्ट्रक्चर की जांच कराए और बिल्डिंग सुरक्षित है या नहीं इसकी रिपोर्ट ओके आने पर निगम में देने के बाद ही काम करें। सुरक्षित न होने पर दुकान में किए गए निर्माण को स्वयं ही हटा लें वरना निगम कार्रवाई करेगा।