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‘मिजाज ए हिंदुस्तान कितना आला है बुर्के में खाला और गोद में नंदलाला है’ जेटली जी ने विद्यार्थी परिषद से राजनीति की शुरुआत की और देश के वित्तमंत्री तक की जिम्मेदारी पूरी शिद्दत से निभाई। इंदौर से जुड़ा उनका घटनाक्रम याद करते हुए रघुवंशी ने बताया, अटलबिहारी वाजपेयी सरकार में जेटली को कानून मंत्री बनाया गया था। तब देश में त्वरित न्याय को लेकर केंद्र सरकार नए नियम बना रही थी। उसी मुद्दे पर उन्होंने इंदौर आकर करीब 150 वकीलों से मुलाकात थी। चर्चा के दौरान खुद वकील होने के बावजूद उन्होंने कहा था, प्रकरण में फैसले देरी से आने के लिए वकील भी जिम्मेदार हैं। वकीलों को भी फैसले के लिए प्रयास तेज करना चाहिए। हालांकि इससे कुछ वकील नाराज हुए थे, पर बाद में सभी ने इसे स्वीकार किया। कानून मंत्री रहते जेटली द्वारा लिए कई निर्णय आज भी जनता को फायदा दे रहे हैं।
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कांग्रेस नेता के भाई की तलाश में कई जगह छापेमारी, गृह मंत्री ने दिए ये निर्देश 19 महीने जेल में रहे पूर्व राज्यसभा सदस्य मेघराज जैन ने बताया, 1977 में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जेटली को सदस्य बनाया जा रहा था, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि मैं विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता हूं और यही जिम्मेदारी निभाना चाहता हूं। इमरजेंसी के समय में १९ महीने तक जेल में रहे। पार्टी ने उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी उसे शिद्दत से निभाई। सदन में बोलना शुरू करते थे तो विरोधी भी ध्यान से सुनते थे, क्योंकि हर मुद्दे पर पूरी तैयारी के बाद ही खड़े होते थे।
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12 हजार नए सदस्य बनाकर इस पार्षद ने बनाया प्रदेश में रिकॉर्ड, चौंके नेता पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा, जेटली जी पार्टी के आधार स्तंभ थे। विद्यार्थी परिषद से राजनीति की शुरुआत कर देश का शीर्ष नेतृत्व बने। उनका व्यवहार बहुत सहज था। वे मेरे भाई जैसे थे। उनसे राजनीति के अलावा पारिवारिक चर्चा होती थी। उन्हें अच्छी शॉल ओढऩे का शौक था। हम मजाक में कहते थे, आपकी शॉलें चुराकर ले जाएंगे। वे बुद्धिमान के साथ स्मार्ट भी थे। मैं, सुषमाजी और अन्य वरिष्ठ सांसद उनसे मजाक करते हुए?कहते थे, आप पर तो कई महिलाएं मरती होंगी। उनके विपक्ष के नेताओं से आत्मीय रिश्ते थे। वित्तमंत्री होने के बावजूद सरकार से जुड़े कानूनी मसलों पर उनकी राय ली जाती थी।