पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ‘आग’, कांग्रेस मंत्री बोले- किसानों की फसलें बर्बाद हुई, इसलिए बढ़ाए दाम
1000 करोड़ के घाटे की भरपाई के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगाई ‘आग’
ढाई माह में सरकार ने पेट्रोल 7.79 व डीजल 7.57 रुपए किया महंगा
रविवार को सीमावर्ती प्रदेशों से आ रहे वाहनों ने डीजल भरने से किनारा कर लिया
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में ‘आग’, कांग्रेस मंत्री बोले- किसानों की फसलें बर्बाद हुई, इसलिए बढ़ाए दाम
संदीप पारे @ इंदौर. चुनाव में वोट के लिए एक सरकार ने दी राहत को आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए ढाई माह में न सिर्फ वापस ले लिया, बल्कि पेट्रोल पर 7.79 व डीजल पर 7.57 रुपए प्रति लीटर दाम बढ़ा दिया। इसमें 2.5 रुपए का झटका केंद्र ने दिया तो 5 रुपए से अधिक का झटका राज्य ने। प्रदेश सरकार के इस कदम से पेट्रोल-डीजल के दाम देशभर में सर्वाधिक हो गए।
must read : MP में बिक रहा है देश का सबसे महंगा पेट्रोल डीजल, जानिए आज क्या हैं आपके शहर के रेट रविवार को सीमावर्ती प्रदेशों से आ रहे वाहनों ने डीजल भरने से किनारा कर लिया। सीमा से लगे कई पंपों की बिक्री में 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। मामले में पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जनसिंह वर्मा का कहना है कि मप्र में अतिवृष्टि हुई है। किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। केंद्र सरकार ने मदद नहीं की, इसलिए हमारे पास किसानों को बचाने के लिए कोई रास्ता नहीं है।
वहीं सरकार के अधिकारियों ने दरें बढ़ाने को जरूरी और सरकार की मजबूरी बताते हुए कहा, वर्ष 2018-19 में अप्रैल से अगस्त की अवधि में 3700 करोड़ रुपए का राजस्व पेट्रोल-डीजल से मिला था। वहीं 2019-20 में यह घटकर 3400करोड़ रुपए हो गया, यानी 300 करोड़ रुपए का घाटा हुआ।
must read : आरती बोली- मैं गर्भवती हूं, सोनोग्राफी में कुछ नहीं निकला, पुलिस धक्के मारकर थाने ले गई पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में दाम अधिक थे तो वैट की दरें कम थीं, जबकि इस साल दाम में अधिक घट-बढ़ नहीं रही। दाम भी सरकार ने 7.50 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ा दिए। जब आकलन किया और आने वाले दिनों में क्रूड की स्थिति को देखा तो यह घाटा बढक़र 1000 करोड़ तक होने की संभावना बताई गई। इसकी भरपाई के लिए वैट की दरों में ५ प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई।
सरकार के फैसले का असर पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन से पत्रिोका ने सीमावर्ती शहरों की बिक्री की जानकारी चाही तो कई पेट्रोल पंपों पर डीजल की बिक्री में 21 व 22 सितंबर को 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई।
ये आएगा असर किसानों के लिए रबी फसल के लिए जुताई, सिंचाई व अन्य कार्य महंगे होंगे। ट्रांसपोर्टर भाड़े में बढ़ोतरी करेंगे, जिससे लागत और महंगाई बढ़ेगी। यात्री परिवहन भी महंगा होगा, क्योंकि बस ऑनर्स किराया बढ़ाने की मांग करेंगे।
आमजन की जेब पर भार आमतौर पर एक दोपहिया वाहन चालक को 15 लीटर व चार पहिया वाहन चालक को माह में 50 लीटर तक पेट्रोल लगता है। इस बढ़ोतरी से उसका खर्च 150 से 450 रुपए तक बढ़ जाएगा।
ढाई महीने में एेसे बढ़ाए दाम इ स साल पेट्रोल-डीजल के दामों में जुलाई में केंद्र सरकार ने एक्साइज व सेज में बढ़ोतरी कर करीब 2.50 रुपए की बढ़ोतरी की थी। अगले ही दिन राज्य सरकार ने दो रुपए बढ़ा दिए। इस तरह दोनों वस्तुओं के दाम करीब 4.50 रुपए बढ़ गए। एक दिन पहले सरकार ने वैट में 5 फीसदी बढ़ोतरी कर क्रमश: 3.26 व 3.14 रुपए प्रति लीटर दाम और बढ़ा दिए। इस तरह 7.79 व 7.57 रुपए प्रति लीटर दाम बढ़ा दिए। पांच दिन में क्रूड के दाम बढऩे पर 1.34 व 1.10 रुपए कंपनियों ने बढ़ा दिए।
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