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पीएमओ से पहल, साढ़े बारह हजार हेक्टेयर का होगा औद्योगिक क्षेत्र

प्रदेश सरकार की मंशा के बाद औद्योगिक केंद्र विकास निगम (एकेवीएन) ने मास्टर प्लान तैयार किया है।

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इंदौर

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Amit Mandloi

Nov 07, 2017

pithampur master plan

पीथमपुर का मास्टर प्लान तैयार
इंदौर. मेक इन इंडिया कार्यक्रम को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की निगरानी में प्रदेश में पहली बार औद्योगिक क्षेत्र का मास्टर प्लान बन रहा है। प्रदेश में अब तक जितने भी औद्योगिक क्षेत्र बने हैं, वहां फैक्ट्रियों की गडग़ड़ाहट के अलावा सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास नहीं हो सका। परिणाम यह रहा कि जनसंख्या का दबाव पास के शहरों पर ज्यादा होने लगा।


पीएमओ से पहल और प्रदेश सरकार की मंशा के बाद औद्योगिक केंद्र विकास निगम (एकेवीएन) ने मास्टर प्लान तैयार किया है। १२५०० हेक्टेयर जमीन को शामिल कर बनाए जा रहे प्लान में उद्योग के साथ आवासीय और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को भी तवज्जो दी गई है। एकेवीएन एमडी कुमार पुरुषोत्तम का कहना है, इस प्लान के लिए ३१ मार्च तक की समय सीमा तय की गई है। इसी आधार पर काम किया जा रहा है। जल्द ही प्रारूप का प्रकाशन कर आापत्तियां व सुझाव बुलाए जाएंगे, जिन्हें सुनवाई कर निराकृत किया जाएगा। सभी की सहमति के बाद इसका अंतिम प्रकाशन कर लागू कर दिया जाएगा।
ऐसे आता गया बदलाव
पहले टीएनसीपी ने पीथमपुर नगर पालिका क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए प्लान तैयार किया था, जिसे बाद में निरस्त कर दिया गया। इसके बाद प्लान बनाने की जिम्मेदारी एकेवीएन को सौंपी गई। एकेवीएन ने पहले सीमा क्षेत्र निर्धारण को लेकर प्लान तैयार किया। इस पर नगर पालिका द्वारा अपने क्षेत्र को लेकर आपत्ति ली गई। इसका निराकरण कर प्लान का प्रारूप तैयार कर लिया गया है, जिसे प्रकाशन के लिए सरकार के पास भेजा है। प्रारूप प्लान में जमीनों को उपयोग के आधार पर आरक्षित किया है। प्लान में लोक सुविधाओं, ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी के लिए क्रॉस रोड, ग्रीन एरिया, बगीचे, व्यावसायिक व पीएसपी उपयोग की जमीनें, हॉस्पिटल के लिए जमीनों का प्रावधान किया है। इससे क्षेत्र का समग्र विकास हो सकेगा।
सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आरक्षित होगी जमीन
प्रधानमंत्री कार्यालय की निगरानी में हो रहा काम
३१ मार्च से पहले करना होगा अंतिम प्रकाशन

मास्टर प्लान से फायदे
सडक़ों का विस्तार हो सकेगा।
औद्योगिक क्षेत्र की आसपास के राज्यों से कनेक्टिविटी में सुधारेगी।
सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा, जिससे स्कूल, कॉलेज खुलेंगे।
ड्रेनेज, कचरा निपटान, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, लोक सुविधा, लोक परिवहन का नेटवर्क पुख्ता होगा।
अनियंत्रित विकास पर रोक लगेगी।
- जमीन के उपयोग के अनुसार ही विकास हो सकेगा।