अटलजी की इस परंपरा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगे बढ़ाया। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो वो अक्सर बोहरा समाज के आयोजनों में शामिल होते थे। आज बतौर प्रधानमंत्री इंदौर में इस कार्यक्रम में शामिल हुए। गुजरात के बोहरा समाज के लोगों का जुड़ाव भाजपा के साथ रहा है। गुजरात में व्यापारिक वर्ग में भाजपा की काफी पैठ है और बोहरा समाज का बड़ा तबका गुजरात के व्यापारिक क्षेत्र में पकड़ रखता है।
बोहरा समाज की आबादी प्रदेश में करीब साढ़े चार लाख की है, जबकि अकेले इंदौर में 35 हजार रहते हैं। इसी साल प्रदेश और पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के साथ ही राजस्थान में चुनाव होने हैं। जानकारी के अनुसार देशभर में करीब 20 लाक की आबादी बोहरा समाज की है। बोहरा समाज के 52वें और 53वें धर्मगुरु दोनों से ही मोदी के अच्छे रिश्ते रहे हैं। मोदी का इंदौर आना पहले से ही तय था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पीएम मोदी के इस कार्यक्रम में बोहरा समाज किसी पीएम के संबोधन के लिए पहली बार अपनी वाअज को रोकेंगा। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि पीएम मोदी के लिए पहली बार वाअज का हिंदी में अनुवाद किय जाएगा जबकि वाअज अरबी भाषा में की जाती है।