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निजी-सरकारी अस्पतालों में 772 तो कोविड केयर सेंटर के 752 बेड खाली हैं। हालांकि गंभीर मरीजों के लिए स्थिति अभी भी संकटपूर्ण बनी है। प्रमुख अस्पतालों में आइसीयू बेड खाली नहीं हैं। सुपर स्पेशलिटी सेंटर के प्रभारी डॉ. एडी भटनागर का कहना है कि हॉस्पिटल में बेड फुल हैं, पर वेटिंग कम होने लगी है। चार दिन पहले तक 25-30 मरीजों की वेटिंग होती थी, जो अब 10-12 पर आ गई है। मरीजों को स्वस्थ होने में 10 की बजाय सात दिन लग रहे हैं।
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आंकड़ों पर नजर
इंदौर में अब तक लिए कुल सैंपलों की संख्या 1246957 है, जिनमें से 125153 पॉजिटिव मरीजों की संख्या है। स्वस्थ मरीजों की संख्या 109045 हो गई है। जवकि संक्रमण की दर 10 प्रतिशत पर आ गई है। स्वस्थ की दर 87 फीसदी हो गई है। अगर अस्पतालों में बेड की मौजूदा स्थिति को देखें तो..
अस्पताल | कुल बेड | भरे | खाली |
निजी | 6797 | 6012 | 705 |
सरकारी | 1063 | 990 | 73 |
कोविड सेंटर | 1255 | 473 | 782 |
ऑक्सीजन संकट कम हुआ
अप्र्रेल की शुरुआत में 40-42 टन ऑक्सीजन की डिमांड 130 टन तक पहुंच गई थी। जामनगर, भिलाई और पीथमपुर के प्लांट से ऑक्सीजन मिलने से परेशानी तकरीबन खत्म है। शहर में रोजाना 8100 सिलेंडर भरने की क्षमता है। 250 सिलेंडर का बफर स्टॉक है।
10312 रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध
30 अप्रेल तक 92 हजार और इसके बाद 1.64 लाख इंजेक्शन का आवंटन मप्र को किया गया है। 38 हजार से ज्यादा इंजेक्शन मिल चुके हैं। कोटे के अनुसार इंदौर को 10312 इंजेक्शन देना तय है। यदि देखें तो रोजाना प्रति मरीज को इंजेक्शन की उपलब्धता है।