बिलावली के रहवासी सुनील मंडलोई ने बताया कि कुछ वर्षों तक पूरी गर्मी में तालाब में लबालब पानी रहता था, लेकिन पिछले दो तीन वर्षों से लगातार तालाब से काली मिट्टी की खुदाई की जा रही है। जिससे प्राकृतिक संरचना खत्म हो गई है। इसी कारण तालाब का पानी खत्म हो रहा है। क्षेत्र की ५० से अधिक कॉलोनियों के ३० फीसदी से अधिक बोरिंग सूख गए हंै। स्थिति यह है कि तालाब की काली मिट्टी खत्म होने के बाद मुरम भी निकाली जा रही है।
लिंबोदी रहवासी नरेश स्याह ने बताया कि तालाब के कैचमेंट एरिया में दर्जनों होटल बन गए हैं, जिनका अपशिष्ट तालाब में भी डाला जा रहा है। कैचमेंट एरिया से अतिक्रमण हटाकर यहां पौधरोपण करना चाहिए। तालाब को बचाने के लिए बिलावली तालाब बचाओ अभियान रविवार से शुरू कर रहे हैं। इसके लिए सभी कॉलोनियों में पम्पलेट का वितरण भी किया है। रविवार को सुबह ७ से ९ बजे तालाब पर ही हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा मामले की शिकायत मुख्यमंत्री को भी की है। फेसबुक पर पेज भी बनाया गया है ताकि अधिक से अधिक लोग इस अभियान से जुड़ सकें।
ये हैं मुख्य मांगें -तालाब गहरीकरण की तकनीकी समिति बने व तालाब को पुनर्जीवित करने के उपाय करें। -तालाब के कैचमेंट एरिया से अतिक्रमण हटाकर पौधरोपण किया जाए। -धंधा ढूंढ खुदाई रुके एवं दोषियों पर कार्रवाई हो।
– रालामंडल से आने वाली प्राकृतिक चैनल से अतिक्रमण हटाया जाए। – तालाब को पर्यटक धरोहर घोषित किया जाए।