पुलिस टीम ने धोखाधड़ी मामले में फरार चल रहे दिनेश आगीवाल पिता गोविंदास निवासी गुमास्ता नगर (सुदामानगर) को गिरफ्तार किया। डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक दिनेश आगीवाल एसबीआइ में एजीएम है और उसकी एमआइजी में दो साल पहले दर्ज हुए केस में तलाश थी। उस पर 10 हजार का इनाम था। एमआइजी पुलिस ने कोर्ट में पेश कर दो दिन की रिमांड पर लिया है।
दोगुना राशि लौटाने का किया था वादा
जांच अधिकारी एसआइ सुरेंद्रसिंह के मुताबिक दिनेश आगीवाल पहले एसबीआइ की जीपीओ शाखा में एजीएम के पद पर पदस्थ थे। नेहरू नगर में रहने वाली हंसा दुबे, उसके पति अविनाश दुबे ने कई लोगों से 50 लाख की ठगी की थी। हंसा ने लोगों को बताया था कि उसकी खंडवा में जमीन है। जमीन बेच चुकी है, जिसका करीब 105 करोड़ रुपए बैंक खाते में जमा है। इस बीच कोर्ट में केस लग गया, जिसके कारण वह राशि नहीं निकाल पा रही है। कोर्ट केस खत्म कराने के लिए उसने लोगों से मदद मांगी। संतोष मलोदिया, जितेंद्र सिसौदिया आदि ने करीब 50 लाख रुपए उन्हें दिए। लोगों को झांसा दिया था कि कोर्ट केस निपटने पर सभी को दोगुना राशि लौटाएगी। काफी समय पर फरियादी पक्ष ने अपने पैसे मांगे तो हंसा ने उन्हें शारदा श्रीवास्तव नामक महिला से मिलाया। शारदा ने एक फर्जी दान पत्र दिखाकर बताया कि हंसा के पास बहुत पैसा है, उसे भी 5 करोड़ दान दिए हैं। इसके बाद फरियादी पक्ष कुछ समय शांत बैठे रहे। फिर पैसे के लिए दबाव बनाया तो हंसा उन्हें एजीएम दिनेश के पास बैंक ले गई। वहां दिनेश ने हंसा का साथ देते हुए फरियादियों को झांसा दिया कि हंसा के खाते में 105 करोड़ रुपए जमा हैं, जल्द ही वह सभी का पैसा लौटा देगी।
आरोपी को अपना पूर्व पति बताती थी महिला
एसआइ के मुताबिक हंसा आरोपी को अपना पूर्व पति बताती थी। काफी समय बाद भी पैसा नहींं मिला तो फरियादियों ने पुलिस की शरण ली। पुलिस ने हंसा, उसके पति अविनाश व शारदा को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एजीएम दिनेश फरार थे। इस दौरान उनके तीन तबादले भी हुए। बैंक को पत्र लिखकर केस की जानकारी भी दी थी, लेकिन फिर वह इस समय बैंक के तुकोगंज स्थित मुख्यालय पर काम कर रहा था। दिनेश के रिटायरमेंट में करीब 4 महीने ही बचे हैं। पैसों को लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।