शुक्रवार को पेटलावद और आसपास के इलाके से 15 मोरों को रेस्क्यू कर वन विभाग के मोर सरंक्षण केंद्र लाया गया। सभी भीषण गर्मी और पानी की कमी चलते बीमारी की हालत में आई। मोरों का पशु चिकित्सक ने इलाज कर उन्हें मोर संरक्षण केंद्र में रखा। पेटलावद तहसील और उसके आसपास के इलाके में राष्ट्रीय पक्षी मोर की तादात अधिक है, लेकिन गर्मी से बचने की व्यवस्था नहीं होने से मोरों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। वन विभाग मोरों के सरंक्षण का प्रयास कर रहा है।
must read : सीइटी के लिए अब तक महज 11 हजार दावेदार, 10 तक कर सकेंगे आवेदन गुरुवार को तेज गर्मी के चलते दो मोर घायल हो गए। उन्हें पशु चिकित्सालय लाया गया। इसमें से एक मोर की मृत्यु हो गई।
– जनवरी से अभी तक 17 मोरों की मौत हो चुकी है। इसका मुख्य कारण गर्मी से डिहाईड्रेशन होना है। अभी 15 मोरों का उपचार किया गया।
डॉ. दिलीप निनामा, पशु चिकित्सक
&मोरों की सुरक्षा के प्रयास कर रहे हैं। टैंकर सेपानी की पूर्ति की जा रही है। मोरों के लिए सकोरों में पानी भरा जा रहा है।
बीएल देवड़ा, वन अधिकारी
डॉ. दिलीप निनामा, पशु चिकित्सक
&मोरों की सुरक्षा के प्रयास कर रहे हैं। टैंकर सेपानी की पूर्ति की जा रही है। मोरों के लिए सकोरों में पानी भरा जा रहा है।
बीएल देवड़ा, वन अधिकारी