must read : झंडावंदन के दौरान मंत्री के सामने आपस में उलझे कांग्रेसी, जिला कार्यवाहक अध्यक्ष ने करवाया चुप आरटीओ कार्यालय में होने वाले काम इस तरह जटिल कर दिए गए कि आने वाले आम आदमी के बस से बाहर हो गया है। किसी तरह आम आवेदक अपना काम करवाना चाहें भी तो उसे फीस के अलावा अलग से पैसा देना पड़ता है। जानकारी के अनुसार आरटीओ में एक बाबू की पूरी गैंग लगी हुई है। दो दर्जन से अधिक एवजी वाली यह गैंग ही मांग करने पर फाइल निकालती है। फाइल के एवज में 100 से 200 रुपए मांगे जाते हैं। पैसा नहीं देने पर फाइल गुम हो जाती है।
must read : लड़के का मुंह कमोड में डालने वाले गुंडे मुख्तियार ने ससुराल में छिपा रखी थी पिस्टल नहीं हुआ अमल जानकारी के अनुसार तत्कालीन आरटीओ एमपी ङ्क्षसह ने फाइल के नाम पर हो रही वसूली पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी, लेकिन नए आरटीओ जितेंद्र ङ्क्षसह रघुवंशी के आते ही कुछ बाबू पुराने ढंग से ही काम करने लगे हैं। मौजूदा आरटीओ रघुवंशी ने कुछ समय पहले आदेश जारी किया था कि फाइल आवेदक के पास ही रहेगी, लेकिन आज तक इस आदेश पर अमल नहीं हुआ है।