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इंदौर

गिरफ्तारी के डर से भाजयुमो नेताओं का सरेंडर

राजबाड़ा पर भी पहले ही रोक दी पुलिस ने रैली

इंदौरAug 10, 2019 / 10:41 am

Mohit Panchal

MASHAL RALLY

गिरफ्तारी के डर से भाजयुमो नेताओं का सरेंडर

इंदौर। बिजली, पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर भाजयुमो ने कल कमलनाथ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। वैसे तो मशाल रैली निकाली जाने वाली थी, लेकिन पुलिस की सख्ती के चलते जलाते ही मशालों को बुझा दिया गया। राजबाड़ा पर गिरफ्तारी के डर से सरेंडर करते हुए पहले ही रैली को खत्म कर दिया गया।
क्रांति दिवस पर कल प्रदेश भाजयुमो ने अपनी सभी ५६ जिला इकाइयों को कमलनाथ सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का आह्वान किया था। इसी तारतम्य में इंदौर में मशाल रैली का आयोजन किया गया, जो संजय सेतु से राजबाड़ा के बीच निकाली जानी थी। शाम ६ बजे का समय दिया गया था, तब तक नगर अध्यक्ष मनस्वी पाटीदार सहित कई कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए, लेकिन महामंत्री रोहित चौधरी नहीं पहुंचे।
वे जब तक नहीं पहुंचे, रैली नहीं निकाली गई। आधे घंटे इंतजार के बाद चौधरी के पहुंचते ही मशाल जलाना शुरू की। जैसे ही मशाल में आग लगी देखी, वैसे ही मौजूद पुलिसकर्मी उनके पास पहुंच गए। कहना था कि आपको मशाल रैली की अनुमति नहीं मिली है। सामान्य रैली निकालना हो तो निकाल लो। ये सुनकर नगर उपाध्यक्ष धीरज ठाकुर भड़क गए। कहना था कि बिना मशाल के रैली कैसे निकलेगी।
आपको रोकना हो तो रोक लो… हम तो मशाल रैली निकालेंगे। इस पर पुलिसकर्मियों ने साफ बोल दिया कि ऐसा करोगे तो हमें गिरफ्तार करना पड़ेगा। ये सुनते ही कुछ नेताओं के हाथ-पैर ठंडे पड़ गए और वे ठाकुर को समझाने लग गए। मशाल के साथ खड़े रहकर फोटो खिंचाए और बाद में बुझा कर रैली शुरू की गई।
जैसे ही रैली राजबाड़ा पर पहुंची वैसे ही पुलिस ने रोक दिया। कहना था कि आगे ट्रैफिक जमा होगा रैली यहीं खत्म कर दी जाए। फिर एक नेता ने राजबाड़ा पर घूमकर आने की बात कही तो पुलिस ने बोल दिया कि दूसरी थाना लग जाएगा अनुमति हमारे यहां की है। ये सुनकर तुरंत महामंत्री चौधरी ने आभार प्रदर्शन करके सबको चलता कर दिया।
गिरफ्तार हुए तो तीन दिन की छुट्टी
कहते हैं दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। ऐसे ही हाल भाजयुमो के हो रहे हैं। पिछले प्रदर्शन में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। खबर लगते ही नगर भाजपा अध्यक्ष गोपी नेमा, कमल वाघेला व मुकेश राजावत के साथ पहुंच गए थे।
अफसरों से बात कर तुरंत जमानत कराई। मोर्चा नेताओं को डर था कि कल गिरफ्तार हुए तो तीन-चार दिन की छुट्टी हो जाएगी, क्योंकि नेमा यूरोप टूर पर गए हुए हैं। कोई उन्हें छुड़वाने भी नहीं आएगा। ऐसे में पुलिस से पंगा क्यों और कौन ले?
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