चाय की गुमटी चलाने वाले ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मांगी इच्छामृत्यु, ये है पूरा मामला
इंदौर. शहर में चाय की गुमटी चलाने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को इच्छामृत्यु के लिए पत्र लिखा है। बुजुर्ग का आरोप है कि कुछ लोगों ने उसे झांसे में लेकर बैंक से 10 लाख रुपए का लोन ले लिया। इसके साथ ही चार पहिया वाहन के फाइनेंस का गारंटर भी उसे बना दिया। बैंक अब उन्हें नोटिस देकर लोन चुकाने के लिए तगादा लगा रही है। न्याय के लिए 11 महीने से पुलिस के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। ऐसे में परेशान होकर पीडि़त ने इच्छा मृत्यु के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
खातीवाला टैंक पर स्थित महाकाल चौराहा पर कैलाश पिता चुन्नीलाल बड़ोनिया चाय की गुमटी लगाकर अपना गुजारा करते हैं। उनकी गुमटी पर आरोपी गुरुवीर सिंह, उसके बिल्डर बेटे गुरुदीप सिंह चावला और रणवीर सिंह चावला चाय पीने आते रहते थे। बातों-बातों में गुरुवीर सिंह ने कैलाश को कहा था कि उसके दोनों बेटों की बैंक मैनेजर से अच्छी पहचान है। अगर आपको लोन चाहिए तो बता देना। कैलाश ने करीब 2.5 साल पहले गुरुवीर सिंह को 20 हजार का लोन बैंक से दिलवाने के लिए कहा।
must read : नवविवाहिता ने लिखा सुसाइड नोट – मां यहां अच्छा नहीं लगता, माफ करना मैं जान दे रही हूं इसके कुछ दिन बाद गुरुवीर सिंह कैलाश को छावनी स्थित आंध्रा बैंक ले गया। बैंक में गुरुवीर सिंह के बेटे गुरुदीप और रणवीर पहले से मौजूद थे। वह कैलाश को मैनेजर के पास ले गए और वहां पर कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा लिए। इसके बाद उससे कहा कि जब तुम्हारा लोन हो जाएगा तो बता देंगे। कैलाश का कहना है कि इसके कुछ दिनों बाद रणवीर सिंह उनकी गुमटी पर आया और सपना-संगीता स्थित विजया बैंक ले गया। वहां भी कई कागजों पर हस्ताक्षर करवाए और कहा कि लोन पास होते ही बता देंगे। लगभग एक माह बाद गुरुवीर से कहा कि उन्हें लोन नहीं मिल पाएगा।
दो साल बाद मिला नोटिस कैलाश का कहना है कि करीब दो साल बाद उसे आंध्रा बैंक से एक नोटिस मिला। इसे देखते ही उनके होश उड़ गए। नोटिस में लिखा था कि उसके नाम पर 10 लाख रुपए का सीसी क्रेडिट लोन लिया गया है। वहीं कुछ दिनों के बाद उसे सपना संगीता स्थित विजया बैंक से भी नोटिस मिला। इसमे उसका नाम चार पहिया वाहन के फाइनेंस में गारंटर के रूप में था। कैलाश ने तुरंत दोनों मामले की शिकायत पुलिस से की। कैलाश के अनुसार पुलिस ने मामले में जल्द कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन 11 माह बाद भी कुछ नहीं हुआ। परेशान होकर इच्छा मृत्यु के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है।
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