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इंदौर

थाना प्रभारी को पता ही नहीं, थाने में पांच माह से चल रही जांच

– धोखाधड़ी के मामले में दर्ज नहीं हो रही एफआईआर- वरिष्ठ अधिकारियों को भी शिकायत कर चुका है पीडि़त

इंदौरOct 18, 2019 / 10:49 am

Lakhan Sharma

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लखन शर्मा, इंदौर। शहर में लगातार अपराध बढ़ रहे हैं, जिसका एक बढ़ा कारण थानों में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों की सुस्ती है। ताजा मामला रावजी बाजार थाने का है। यहां धोखाधड़ी के एक मामले में पिछले पंाच माह से जांच चल रही है, लेकिन थाना प्रभारी को पता ही नहीं की थाने में कोई जांच चल रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की अपराधों पर अंकुश लगाने में वे कितने सक्रिय होंगे। मामले में पांच महीने से सिर्फ जांच चल रही है, पुलिस ने अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की है।
दरअसल फरियादी लक्की वर्मा निवासी मालीपुरा ने शिकायत दर्ज कराई थी की नीलू जांगीड़ पिता प्रकाशचंद जांगीड़ से मेरा ८ लाख ५० हजार रूपए का लेनदेन था। मेरी नीलू से दोस्ती थी, उसे जरूरत पडऩे पर मैंने ३ लाख ५० हजार रूपए अलग अलग चेक के माध्यम से खाते में दिए थे। जब यह वापस लेने की बात कही तो नीलू ने कहा की सर्व संपन्न नगर में मेरा फ्लेट है। तुम मुझे और रूपए देकर वह ले लो। इस पेटे नीलू ने मुझसे ५ लाख रूपए नकद और ले लिए। ११ अप्रेल २०१९ को फ्लेट का सौदा तय हुआ जिसके लिए नीलू ने अनुबंध किया। अनुबंध में तय हुआ की पहले के ३ लाख ५० हजार रूपए, वर्तमान में दिए ५ लाख रूपए सहित अगले ६ माह में ६ लाख ५० हजार रूपए लेकर वह फ्लेट की रजिस्ट्री मेरे पक्ष में करेगा। समय पूर्व ही रूपयों की व्यवस्था हुई तो मैंने नीलू से उसके मोबाईल नंबर पर संपर्क किया। वह टालमटोल करता रहा। मुझे आशंका हुई तो मैं उक्त फ्लेट पर पहुंचा, जिसके लिए नीलू ने मुझसे अनुबंध किया था। यहां पत चला की नीलू उक्त फ्लेट पर नहीं रहता यहां कोई अन्य व्यक्ति रह रहा है। मैंने इसके बाद नीलू से संपर्क करने का प्रयास किया तो उसने मोबाईल बंद कर दिया और शहर छोड़कर चला गया।

– रजिस्ट्री से हुआ खुलासा
मैंने इसके बाद रजिस्ट्रार कार्यालय से उक्त फ्लेट की रजिस्ट्री की प्रमाणित प्रति निकलवाई तो पता लगा की उक्त फ्लेट नीलू जांगीड़ व प्रकाशचंद जांगीड़ के संयुक्त मालिकाना हक का है। नीलू को अकेले इसका विक्रय अनुबंध करने का अधिकार ही नहीं है। एसे में उसने मुझसे ८ लाख ५० हजार रूपए लेकर अनुबंध किया और धोखाधड़ी की। लक्की ने बताया की पांच माह पहले में रावजी बाजार थाने, एएसपी, एसएसपी सहित सभी अधिकारियों को शिकायत कर चुका हूं। लेकिन अब तक मामले में एफआईआर ही दर्ज नहीं की जा रही है। उधर जब हमने इस संबध में रावजी बाजार थाना प्रभारी सुनील गुप्ता से बात की तो का कहना है की मुझे याद नहीं है, मामला देखना पड़ेगा। पुराना मामला है मुझे इस बारे में पता नहीं है, देखकर ही कुछ बता पाऊंगा। शिकायतकर्ता लक्की का कहना है की मेरे साथ हुई धोखाधड़ी कागजों पर प्रमाणित है, बावजूद इसके पुलिस मुझे पिछले पांच महीने से सिर्फ चक्कर कटवा रही है। इससे आरोपित को फायदा मिल रहा है और वह खुले आम घुम रहा है।

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