प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार ने शुक्रवार को कंसल्टेंट कंपनी और ठेका कंपनी के इंजीनियरों के साथ पुल का मुआयना किया। इस दौरान यह तय किया कि क्षतिग्रस्त हुई लेन की गहराई से जांच की जाएगी। यदि इसका अन्य कोई भाग भी कमजोर पाया जाता है तो उसे भी पूरी तरह उखाड़कर मरम्मत की जाएगी।
प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा ने भी क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि पुल क्यों टूटा यह तो विस्तृत और तकनीकी जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन प्रथमदृष्ट्या प्रतीत हो रहा है कि इसके निर्माण में घटिया या एक्सपायरी सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है। जांच के जिसकी लापरवाही सामने आएगी उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएंगे।
सुपर कारिडोर का यह आठ लेन पुल करीब छह साल पहले बना था। इसका निर्माण 43 करोड़ रुपये में किया गया था। प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार पुल के क्षतिग्रस्त लेन में अन्य जगहों पर भी मशीन से जांच कर पता करेंगे कि किसी अन्य जगह पर भी पुल कमजोर तो नहीं है? यदि ऐसा पाया गया तो उस भाग की भी सीमेंट-कांक्रीट हटाकर मरम्मत की जाएगी।
दरअसल इंदौर तीन राज्यों का केंद्र है। यह मध्यप्रदेश को गुजरात और महाराष्ट्र से जोड़ता है. सुपर कारिडोर एक अहम मार्ग है और यही कारण है कि इस पुल के टूटने से इंदौरवासियों के साथ ही गुजरात और महाराष्ट्र जानेवाले वाहन चालकों की परेशानी भी बढ़ गई है।