महू नाका से टोरी कॉर्नर स्मार्ट सिटी का सपना दिखाकर नगर निगम ने मध्य शहर की 21 सड़कों को चिह्नित किया। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले महू नाका से मालगंज चौराहा और मालगंज से टोरी कॉर्नर तक सड़क निर्माण का काम शुरू किया। डक्टिंग करने के साथ इसे वायर-फ्री रखा, लेकिन फिर अतिक्रमण हो गया।
जनता की राय होड़ में न खोएं होश शहरवासियों की मानों प्रकृति या प्रवृत्ति ही बन गई है कि किसी को सिग्नल क्रॉस करते देखा तो उसके पीछे गाड़ी दौड़ा देते हैं। कई बार सिग्नल क्रॉसिंग दुर्घटना और वाहन जाम का कारण बनते हैं। ध्यान रहे, गलत होड़ में हमें होश नहीं खोना है। ट्रैफिक नियमों के पालन से ही हमारी और हमारे आसपास वाहन चलाने वालों की सुरक्षा होती है।
– निलेश धाकड़, स्टॉक मार्केट ट्रेडर लोक परिवहन सुधरे ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर ध्यान देना होगा, जिससे सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होगा। व्यस्त चौराहों और रोड पर सिर्फ दोपहिया को ही अनुमति दी जाए। चार पहिया और भारी वाहनों के लिए समयसीमा निर्धारित हो। शहर में पार्किंग स्टैंड की व्यवस्था की जाए। व्यस्त बाजारों को नो वीकल जोन में कन्वर्ट किया जाए।
– वीरेंद्र नीम, ओरिएंटल यूनिवर्सिटी, इंदौर ठेले-खोमचे वालों के लिए हॉकर जोन ट्रैफिक सुधार के लिए सबसे पहले शहर के फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त करना होगा। जिस उद्देश्य से फुटपाथ बनाए गए, वो खत्म-सा हो गया है। ठेले-खोमचे वालों के लिए हॉकर जोन बनाना चाहिए। स्कीम ५४ से नौलखा के बीच बीआरटीएस की जालियां हटा देना चाहिए।
– आनंद जैन कासलीवाल, सामाजिक कार्यकर्ता आदतों और व्यवहार में बदलाव जरूरी यह बात सच है, हमारे इंदौर का ट्रैफिक बहुत अस्त-व्यस्त है। रेड सिग्नल पर कोई रुकना नहीं चाहता, हेलमेट कोई लगाना नहीं चाहता। कुछ चौराहों पर सिग्नल तक नहीं हैं। अपनी आदतों और जिम्मेदारों को व्यवहार में बदलाव लाकर ट्रैफिक सुधार के प्रयास करना होंगे।
– डॉ. सुधा चौहान, संयोजक, इंदौर लेखिका संघ