दृष्टिबाधित बालिकाओं की बनाई राखियों के स्टाल विजय नगर के निजी होटल में लगे हैं। ये बालिकाएं महेश दृष्टिहीन कल्याण संघ के आश्रम में रहकर शिक्षा ले रही हैं। इन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से समाजसेवी संस्था ने पहल की है। संस्था के डॉ. शामीन वारसी ने बताया, शहर के स्कूल-कॉलेज, आइटी कंपनियों और अन्य स्थानों पर भी स्टाल लगाए जाएंगे। संस्था का उद्देश्य इन बालिकाओं का आत्मविश्वास बढ़ाना और आत्मनिर्भर बनाना है। इस अभियान में अनिल करमचंदानी, परवेज खान, तनवीर खान और संघ के शिक्षक सहयोग कर रहे हैं।
हर साल बनाती हैं 10 हजार राखियां
ये बालिकाएं पिछले कुछ साल से राखियां बना रही हैं। हर साल 8 से 10 हजार राखियां बनाई जाती हैं। आश्रम में दोपहर तक पढ़ाई करने के बाद सोने से दो घंटे पहले राखियां बनाने का काम शुरू होता है। इस काम में 30 से अधिक बालिकाएं जुटी हैं। एक दिन में 50 से 60 राखियां बन जाती हैं। इस बार भी 10 हजार राखियां बनाई गई हैं। राखियों की बिक्री से होने वाली आय आश्रम में उनकी सुविधाओं पर खर्च की जाती है। होटल और आइटी कंपनियों में स्टाल लगाने के पीछे सोसाइटी का उद्देश्य यह है कि बालिकाओं की प्रोफेशनल और उद्योपतियों से मुलाकात हो और उन्हें अन्य काम करने का प्रोत्साहन मिले।