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गर्मी में भी पानी से लबालब रहेगा इंदौर का पीपल्यापाला तालाब

नहर भंडारा पर ट्रीट होने वाला पानी छोड़ा जाएगा तालाब में, डेढ़ किलोमीटर तक पाइप लाइन डालकर पहुंचाएंगे पानी

इंदौरJul 25, 2019 / 04:42 pm

रीना शर्मा

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गर्मी में भी पानी से लबालब रहेगा इंदौर का पीपल्यापाला तालाब

इंदौर. हर वर्ष गर्मी में सूख जाने वाला पीपल्यापाला तालाब अगली गर्मी में लबालब मिलेगा, क्योंकि इसमें नहर भंडारा पर ट्रीट होने वाला पानी छोड़ा जाएगा। इसके लिए नगर निगम डेढ़ किलोमीटर तक अलग से पाइप लाइन बिछाएगा। नहर भंडारा पर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण पूरा होते ही यह काम होगा।

कान्ह-सरस्वती और फतनखेड़ी नदी के शुद्धीकरण का काम चल रहा है। नदियों की सफाई करने के साथ इनमें गिर रहे ड्रेनेज के पानी को रोकने के लिए नाला टेपिंग भी कर रहे हैं। साथ ही नदी के गंदे पानी को ट्रीट कर छोडऩे के लिए एसटीपी बनाए जा रहे हैं। इनका काम दिसंबर-2019 तक पूरा करने का टारगेट है। इस हिसाब से ही निगम काम कर रहा है।

नहर भंडारा के यहां फतनखेड़ी नदी पर 11 एमएलडी का एसटीपी बनाया जा रहा है। इसका काम जल्द पूरा होगा। नहर भंडारा पर ट्रीट होने वाले पानी को पीपल्यापाला तालाब में छोडऩे की प्लानिंग है, ताकि 12 महीने तालाब लबालब रहे।

पानी नहीं होने के कारण बंद किया था क्रूज

गर्मी में 22 फीट गहरा यह तालाब पूरी तरह सूख जाता है। इसी कारण यहां लाए गए छोटे क्रूज को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा। नहर भंडारा पर ट्रीट होने वाला पानी तालाब तक पाइप लाइन के जरिए पहुंचाया जाएगा। एसटीपी निर्माण पूरा होते ही निगम नहर भंडारा से पीपल्यापाला तालाब तक डेढ़ किलोमीटर तक पाइप लाइन बिछाएगा।

रोज इतनी बड़ी मात्रा में ट्रीट होने वाले पानी को निगम स्टॉप डेम के जरिए रोकेगा और जरूरत के हिसाब से आगे सरस्वती-कान्ह नदी में छोड़ेगा। ट्रीट पानी ओवरफ्लो होने पर पाइप के जरिए सीधे तालाब में पहुंच जाएगा। इससे तालाब लबालब रहेगा। निगम का दावा है कि अगली गर्मी से पीपल्यापाला तालाब भरा नजर आएगा। इसके साथ ही नहर भंडारा के ट्रीट पानी का उपयोग रीजनल पार्क सहित अन्य बगीचे में किया जाएगा।

पीपल्याहाना को भरने का अटक गया प्रोजेक्ट

पीपल्याहाना तालाब हमेशा लबालब रहे, इसकी प्लानिंग भी निगम ने की लेकिन काम शुरू नहीं कर पाया। तालाब के पास नाले का पानी साफ कर तालाब में छोडऩे की प्लानिंग करते हुए 5 एमएलडी का एसटीपी निर्माण का फैसला लिया है। इसको लेकर सीवरेज का काम देखने वाले विभाग ने टेंडर भी जारी कर दिए, लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया। इसका कारण अतिक्रमण न हटना बताया जा रहा है।

नाले का अतिक्रमण हटाने को लेकर जिम्मेदार विभाग के अफसरों से कहा गया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। नतीजतन पीपल्याहाना तालाब को भरने का प्रोजेक्ट अटका हुआ है। इस पर तकरीबन 1 करोड़ 40 लाख रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। हालांकि निगम ने नाले पर एसटीपी बनाने का काम चिडिय़ाघर के पास किया है।

यहां साफ होने वाला पानी चिडिय़ाघर में उपयोग किया जाता है। कबीटखेड़ी पर ट्रीट होने वाला पानी शिप्रा में छोडऩे के साथ शहर के बगीचों में डाला जाता है। कान्ह-सरस्वती नदी का पानी ट्रीट करने के लिए 6 जगह एसटीपी का निर्माण चल रहा है।

जल्द ही काम शुरू

नहर भंडारा पर फतनखेड़ी नदी का ट्रीट पानी पीपल्यापाला तालाब में छोड़ा जाएगा। इसके लिए पाइप लाइन डाल रहे हैं। गर्मी में तालाब लबालब नजर आएगा। वहीं रही पीपल्याहाना तालाब की बात तो नाले का अतिक्रमण हटवाकर जल्द ही एसटीपी का काम शुरू करेंगे।
– बलराम वर्मा, प्रभारी, जलकार्य समिति

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