scriptJet Airways के बाद अब एअर इंडिया पर छाए संकट के बादल, 9 हजार करोड़ का कर्ज चुकाने के लिए नहीं है फंड | Air India in Debt trap no funds to pay 9000 crore in FY 2019-20 | Patrika News
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Jet Airways के बाद अब एअर इंडिया पर छाए संकट के बादल, 9 हजार करोड़ का कर्ज चुकाने के लिए नहीं है फंड

एअर इंडिया को चालू वित्त वर्ष में चुकाना है 9 हजार करोड़ रुपए का कर्ज।
मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन और एअर इंडिया ने वित्त मंत्रालय को दी जानकारी।
पिछले साल ही सरकार ने एअर इंडिया एसेट होल्डिंग्स लिमिटेड को 29,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किया था।

नई दिल्लीApr 19, 2019 / 12:07 pm

Ashutosh Verma

Air India

Jet Airways के बाद अब एअर इंडिया पर छाए संकट के बादल, 9 हजार करोड़ का कर्ज चुकाने के लिए नहीं है फंड

नई दिल्ली। प्राइवेट सेक्टर की विमान कंपनी जेट एयरवेज ( Jet Airways) के बंद होने के बाद अब सरकरी विमान कंपनी एअर इंडिया ( air india ) के लिए परेशानी खड़ी होते दिखाई दे रही। एअर इंडिया को 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाना है। इस मामले से जुड़े जानकारों का कहना है कि जेट एअरवेज की इस समस्या को सरकार की तरफ से राहत पैकेज ही बचा सकती है, लेकिन लोकसभा चुनाव ( Loksabha Election ) के चलते इस मामले पर कोई सरकारी फैसला आना मुश्किल लग रहा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन ( ministry of civil aviation ) और एअर इंडिया ने इस मामले को वित्त मंत्रालय के सामने उठाया है।

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वित्त मंत्रालय को दी गई जानकारी

एक सूत्र ने बताया कि कुल कर्ज का मूल भुगतान इस साल ही जमा किया जाना है, लेकिन एयरलाइन के पास इसे चुकाने के लिए पैसे नहीं है। ऐसे में एअर इंडिया या तो डिफॉल्ट कर सकती है या फिर अपने उड़ानों की संख्या कम करने के साथ लोन का भुगतान कर सकती है। वित्त मंत्रालय ( ministry of finance ) को इस संबंध में जानकारी दे दी गई है। एविएशन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने एअर इंडिया में आगे और फंड नहीं देने का फैसला किया है।

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लोकसभा चुनाव के नतीजे पर निर्भर करेगा एअर इंडिया का भविष्य

सरकार ने पहले ही एअर इंडिया का कर्ज चुकाते हुए साफ कर दिया था कि वो आगे कोई और इक्विटी फंडिंग नहीं करेगा। अधिकारी ने आगे बताया कि मंत्रालय इस मामले से अवगत है और एअर इंडिया के सरकारी विमान कंपनी होने के नाते एक बार फिर मदद कर सकती है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों पर भी एअर इंडिया का भविष्य निर्भर करता है। यदि एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार सत्ता में आती है तो एअर इंडिया में विनिवेश किया जा सकता है। हो सकता है कि सरकार डेट सर्विसिंग को वरीयता न देकर विनिवेश के रास्ते पर बढ़े।

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एअर इंडिया पर कुल 54,000 करोड़ रुपए का कर्ज

उल्लेखनीय है कि एअर इंडिया पर करीब 54,000 करोड़ रुपए का कुल कर्ज है और सरकार ने पिछले साल ही इस विमान कंपनी में 76 फीसदी स्टेक बेचने का फैसला लिया था। उस दौरान सरकार ने स्पेशल पर्पज व्हीकल एअर इंडिया एसेट होल्डिंग्स लिमिटेड ( AIAHL ) में 29,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किया था। इस ट्रांसफर के साथ ही सरकार ने एअर इंडिया पर कुल 4,400 करोड़ रुपए के वार्षिक ब्याज में से 2,700 करोड़ रुपए का भार भी उठाया था। इस कदम के बाद सरकार को उममीद थी कि एअर इंडिया की वित्तीय हालत पहले से बेहतर होगी, लेकिन लोग भुगतान ने करने और ब्याज की रकम में लगतार इजाफा होने की वजह से एअर इंडिया की हालत लगातार खराब हो रही है।

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