सरकार हुई चौकन्नी
सरकारी सूत्रों के अनुसार रियल एस्टेट के बड़े डील में बिटकॉइन के इस्तेमाल को लेकर सरकार चौकन्नी हो गई है। ईडी ने इसकी जांच भी शुरू कर दी है। जानकारों का मानना है कि बिटकॉइन मौजूदा करंसी के लिए गंभीर खतरा है। बिटकॉइन का इस्तेमाल फेमा कानून का भी उल्लंघन होगा। ईडी ने बिटकॉइन का इस्तेमाल करने वाले के दो ठिकानों पर छापे मारे हैं।
नियमित करने को मिल सकती है मंजूरी
अग्रवाल ने बताया कि बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करंसी को भारत में भी जल्द कानूनी दर्जा मिल सकता है। वर्चुअल करंसी को रिजर्व बैंक ऐक्ट 1934 के दायरे में लाया जा सकता है। सरकार की वर्चुअल करंसी में निवेश से होने वाली आमदनी पर टैक्स वसूलने की योजना है। विदेश में पैसे के ट्रांसफर पर फॉरन एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट के नियम लागू हो सकते हैं। वर्चुअल करंसी के ट्रांसफर पर कैपिटल गेंस टैक्स लगाने पर भी विचार किया जा सकता है। वर्चुअल करंसी में निवेश करने पर नो योर कस्टमर (केवाईसी) की शर्तें तैयार की जाएंगी। वर्चुअल करंसी के लिए बनाई कमिटी ने इन तमाम प्रस्तावों पर विचार किया है।
क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है। हाल के समय में वैश्विक वित्तीय लेन-देन और भुगतान के रूप में बिटकॉइन चर्चित हुआ है, लेकिन क्रिप्टो करेंसी को नियमित करने के लिए कोई दिशानिर्देश न होने से यह काफी जोखिमपूर्ण मुद्रा बनी हुई है। बेशक अभी यह वैध मुद्रा नहीं है, लेकिन रिजर्व बैंक ने इसे अवैध घोषित नहीं किया है।