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हुवावे और जेडटीई को प्रतिबंधित करने की मांग
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने केंद्रीय मंत्री प्रसाद को भेजे पत्र में कहा है कि चीन के हुवावे एवं जेडटीई कॉर्पोरेशन के भारत में 5जी नेटवर्क रोलआउट में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही सरकार यह प्रतिबंध भी लगाए कि इन दोनों चीनी कंपनियों की प्रौद्योगिकी और उनके उपकरणों को कोई भी कंपनी 5जी नेटवर्क के रोलआउट में इस्तेमाल न करे। उन्होंने कहा कि यह पता चला है कि हुवावे और जेडटीई दोनों चीनी कंपनियों ने भारत में रोलआउट किए जाने के लिए 5जी नेटवर्क के बुनियादी ढांचे में भाग लेने के लिए आवेदन किया है।
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बाजार को हथियाने की कोशिश
जून के महीने में सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का हवाला देते हुए कैट ने कहा कि यदि चीनी कंपनियों को यह अनुमति दी जाती है तो वह निश्चित रूप से 5जी नेटवर्क के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर बनाने के अवसर को हड़पने का एक मौका होगा और भारतीय दूर संचार पर चीनी कंपनियों का लगभग कब्जा करने का मार्ग प्रशस्त करेगा, जबकि प्रतिबंध लगने की स्थिति में भारतीय कपनियों को अपनी टेक्नोलॉजी को उच्चस्तरीय करने का अवसर मिलेगा, जो देश के निर्यात और आयात में सुधार के लिए काफी हद तक फायदेमंद होगा।
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ऑस्ट्रेलियन सरकार भी लगा चुकी बैन
कैट ने कहा कि इस बात की बड़ी आशंका है कि हुवावे अपनी तकनीक प्रणाली में एक इंटेलीजेंस सिस्टम विकसित कर सकती है, जिसके द्वारा किसी भी प्रकार की सूचना या डाटा पर निगरानी हो सकेगी। इन्हीं सब आशंकाओं के कारण करीब दो साल पहले ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने भी इन दोनों कंपनियों को 5जी रोलआउट पर प्रतिबंध लगा दिया था। वहीं दुनिया के बाकी देश भी इन दोनों कंपनियों पर संदेह कर रहे हैं। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि आखिर भारत सरकार इस मामले में क्या कदम उठाता है।