ऐसे होती है इस स्कीम की फंडिंग
UDAN स्कीम की फंडिंग राज्यों से योगदान के जरिए की जाती है। सब्सिडी के कुल खर्च का 20 फीसदी ऐसे ही मिलता है। राज्य अपनी हिस्सेदारी का भुगतान एविएशन मिनिस्ट्री को करते हैं। राज्यों से योगदान के अतिरिक्त स्कीम की फंडिंग एयरलाइंस पर चार्ज के जरिए भी की जाती है। एयरलाइंस पर चार्ज से 370 करोड़ रुपए सालाना मिलते हैं। बता दें एविएशन मिनिस्ट्री को सब्सिडी की फंडिंग करने में दिक्कत हो रही थी इसलिए उसने मदद के लिए फाइनैंस मिनिस्ट्री से संपर्क भी किया था। एक अधिकारी ने बताया कि, ‘एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की ओर से किए जाने वाले भुगतान के लिए सरकार 400 करोड़ रुपए देगी। इससे सब्सिडी का भुगतान किया जा सकेगा।’
क्या है UDAN स्कीम ?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिमला से उड़ान के साथ UDAN स्कीम का उद्घाटन किया था। इससे देश के करीब 35 एयरपोर्ट्स को कनेक्टिविटी मिली है। इसके लिए राज्य सरकारें अपने राज्यों में सीपोर्ट बना रही हैं। UDAN योजना के तहत प्रति घंटे उड़ान के लिए 2,500 रुपए का किराया लगता है। इसके पहले चरण के लिए सब्सिडी का कुल खर्च 214 करोड़ रुपए प्रति वर्ष था, जो दूसरे चरण में बढ़कर लगभग 500 करोड़ रुपए सालाना हो गया था। एविएशन मिनिस्ट्री ने दूसरे चरण की फंडिंग के लिए 200 करोड़ रुपए मांगे थे।
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