scriptपेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर होने पर IOC चेयरमैन ने दी सफार्इ, कहा- कर्नाटक चुनाव नहीं है वजह | IOC chairman says freeze in oil prices during election is coincidental | Patrika News
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पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर होने पर IOC चेयरमैन ने दी सफार्इ, कहा- कर्नाटक चुनाव नहीं है वजह

इंडियन आॅयल काॅर्पोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा है कि, 24 अप्रैल से पेट्रोल-डीजल के दाम में स्थिरता लाने के लिए कोर्इ बदलाव नहीं किया गया।

May 11, 2018 / 10:13 am

Ashutosh Verma

Petrol-Diesel

नर्इ दिल्ली। पिछले कुछ समय से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है लेकिन इसका असर भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम में नहीं देखने को मिल रहा है। लगभग पिछले 15 दिन से देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में कोर्इ बदलाव नहीं हुआ है। इसको लेकर कर्इ तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर केन्द्र सराकार ने तेल कंपनियों को पेट्रोल-डीजल के दाम न बढ़ाने के निर्देश दिए हैं ताकि इसका असर कर्नाटक चुनाव पर न देखने काे मिले। अब इंडियन आॅयल काॅर्पोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा है कि, 24 अप्रैल से पेट्रोल-डीजल के दाम में हमने इसलिए कोर्इ बदलाव नहीं किया गया ताकि इसे स्थिर किया जा सके। लेकिन ये महज एक संयोग है कि इस दौरान कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव भी हैं।


बढ़ती कीमतों को स्थिर करने के प्रयास

संजीव ने कहा कि इसके पहले तेल की कीमतों में आैसतन 25 से 35 पैसे को बढ़ोतरी देखने को मिल रही थी, जिस वजह से हर 15 दिन में तेल के दाम में 2 से 3 रुपए का अंतर देखने को मिलता था। हमारा मानना है कि ये ठीक नहीं था आैर इसलिए हम हमने सोचा की इसे एक सामान्य स्तर पर लाया जाए। संजीव ने पत्रकरों को कहा कि, हमारा मानना है कि यह अवास्तविक है, इसलिए हमने इसे स्थिर करने का फैसला लिया।


क्या होगा अमरीका-र्इरान परमाणु समझौते टूटने पर

लेकिन संयोगवश ये कुछ राज्यों के चुनाव का समय हो रहा है। तेल कंपनियों की ये मंशा नहीं थी की चुनाव के दौरान ही तेल की कीमतों को स्थिर रखा जाए। अमरीक द्वारा र्इरान से परमाणु समझौता तोड़े जोन पर जब संजीव से पूछा गया कि क्या इसका असर भारत में तेल के दाम पर पड़ेगा तो उन्होंने कहा कि ये इस बात पर निर्भर करता है कि देश की तेल कंपनियां इसे कैसे स्थिर करती हैं। भारत में र्इरान से करीब 15 फीसदी कच्चे तेल का आयात किया जाता है।


हो सकता है भारी बढ़ोतरी

जानकारों का मानना है कि बीते 24 अप्रैल से तेल की कीमतों में कोर्इ बढ़ोतरी नहीं की गर्इ है लेकिन इस दौरान कच्चे तेल की दाम 67 डाॅलर प्रति बैरल के आसपास थी। वर्तमान में कच्चे तेल की कीमत 70 डाॅलर प्रति बैरल के आसपास चल रहा है। एेसे में संभावना जतार्इ जा रही है कि तेल कंपनियां 12 मर्इ के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल सकता है।

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