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CAA के खिलाफ देश में घमासान, इंटरनेट बंद होने से करोड़ों का नुकसान

देश में एक दिन इंटरनेट बंद होने से प्रति 1.5 करोड़ रुपए का होता है नुकसान
CAA के खिलाफ प्रदर्शन से देश के 7 राज्यों में इंटरनेट पर लगाई है पाबंदी
धारा 370 लागू होने से 4 अगस्त से जम्मू कश्मीर में लगी है इंटरनेट पर पाबंदी

Dec 21, 2019 / 04:23 pm

Saurabh Sharma

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Protest against CAA in country, loss of crore due to internet shutdown

नई दिल्ली। बीते 15 दिनों से देश के कई इलाकों में सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट ( CAA ) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन ( NRC ) के खिलाफ विरोध चल रहा है। असम और उसके बाद जामिया मिलिया इस्मालिया यूनिवर्सिटी ( Jamia Millia Islamia University ) में हुए प्रदर्शन के बाद पूरे देश में यह आग फैल चुकी है। जिसके बाद देश के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बंद ( internet services banned ) कर गई दी गई हैं। खास बात तो ये है कि कुछ इलाकों में वॉयस कॉल तक बंद कर दिए गए हैं। जिसकी वजह से टेलीकॉम कंपनियों के अलावा कई संस्थानों को करोड़ों रुपयों का नुकसन हो रहा है। आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर से 4 अगस्त से इंटरनेट सेवाएं बंद की हुई हैं।

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कानून की इस धारा के तहत बंद हो सकते हैं इंटरनेट
वैसे देश में लॉ एंड ऑर्डर कायम करने के लिए सरकारें और उनकी पुलिस किसी भी हद जा सकती हैं। बीते सालों में झांककर देखें तो गईं भी हैं। फिर भी यहां इंटरनेट की बात हो रही है तो इसके लिए सीआरपीसी में धारा दी गई है। जानकारी के अनुसार सीआरपीसी, 1973, इंडियन टेलिग्राफ ऐक्ट, 1985 और टेंपररी सस्पेंशन ऑफ टेलिकॉम सर्विसेज (पब्लिक इमर्जेंसी ऑर पब्लिक सेफ्टी) रूल्स, 2017 के अनुसार देश में इंटरनेट सेवाएं बंद करने के अलावा वॉयस कॉलिंग जिसमें मोबाइल और लैंडलाइन दोनों शामिल हैं को बंद कराया जा सकता है।

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जम्मू कश्मीर में लागू है अब तक की सबसे लंबी पाबंदी
कुछ महीनों पहले देश की सरकार ने संसद में आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया था। यह आर्टिकल जम्मू कश्मीर में प्रभावी था जो उस राज्य को देश के बाकी राज्यों से अलग विशेष राज्य बनाता था। सरकार ने 5 जनवरी को संसद में इसे पास करा दिया। उससे पहले 4 अगस्त को जम्मू कश्मीर में बवाल ना हो जाए तो इंटरनेट सेवाएं और साथ कॉलिंग भी बंद करा दी। जो अब तक जारी है। इससे पहले 2016 में भी जम्मू-कश्मीर में ही देश की दूसरी सबसे लंबी पाबंदी लगाई गई थी।

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इंटरनेट बंद होने से होता है करोड़ों रुपयों का नुकसान
अब बात करते हैं कि इंटरनेट बंद करने के देश की टेलीकॉम कंपनियों और बाकी संस्थानों साथ की देश के लोगों को कितना परेशान और नुकसान उठाना पड़ता है। आंकड़ों के अनुसार पाबंदी लगाने से हर कंपनी को प्रति राज्य के हिसाब से डेढ़ करोड़ रुपए का नुकसान होता है। पिछले साल अगस्त में टेलीकॉम कंपनियों ने इस मामले को केंद्र सरकार के सामने रखा था। साथ ही कहा था कि इंटरनेट, कॉल सर्विस पर पाबंदी से काफी आर्थिक नुकसान से गुजरना पड़ता है।

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इन राज्यों में लगाई हुई पाबंदी
नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन के खिलाफ देश में हिंसक और आक्रमक प्रदर्शन हो रहा है। जिसकी वजह से देश के कई राज्यों में इंटरनेट सेवाएं बंद होने के आदेश हो गए। सबसे ज्यादा हिंसात्मक प्रदर्शन से उत्तर प्रदेश के 24 जिलों में इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई है। जबकि पश्चिम बंगाल के 11 जिलों में इंटरनेट बंद है। कर्नाटक के मंगलुरु और दक्षिण कन्नड़ जिलों में जबकि गुजरात के गांधीनगर जिले में इंटरनेट सेवा पर रोक लगी हुई है। यहां तक कि देश की राजधानी दिल्ली के मंडी हाउस, सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, जामिया नगर, शाहीन बाग और बवाना जैसे इलाकों में इंटरनेट सर्विस पर पाबंदी लगी है। वहीं असम के 10 जिलों में भी 11 दिसंबर इंटरनेट सेवा पर रोक लगी थी, लेकिन कोर्ट के आदेश पर वहां 20 दिसंबर से ये पाबंदियां हटा ली गई।

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