लोकसभा चुनाव से पहले झटका देने के मूड में एआईआरएफ
-सरकार पेंशन की गारंटी दे नहीं तो विरोध के लिए तैयार रहे..-एआईआरएफ के जनरल सेकेट्री ने दिए संकेत
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इटारसी। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव होना है। अभी केंद्र की भाजपा सरकार और रेलवे में लाल झंडा उठाने वाली यूनियन ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन के बीच न्यू पेंशन स्कीम सहित दो अन्य बिंदुओं पर गतिरोध बरकरार है। इन हालातों में एआईआरएफ ने लोकसभा चुनाव से पहले एक झटका सरकार को देने के संकेत दे दिए हैं।
वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लाइज यूनियन के एक कार्यक्रम में इटारसी पहुंचे एआईआरएफ दिल्ली के जनरल सेकेट्री शिवगोपाल मिश्रा ने यहसंकेत दिए। मिश्रा ने साफ कहा कि यदि केंद्र सरकार ने हमारी मांगें नहीं मानी तो फिर जमीन की लड़ाई भी होगी और वोट की लड़ाई भी होगी। लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ी लड़ाई लडऩे के मूड में है ताकि सरकार हमें कमजोर ना समझे। न्यू पेंशन स्कीम नए रेलकर्मियों के लिए घातक है। हम चाहते हैं कि सरकार इस बात की गारंटी दे कि रेलकर्मी के रिटायरमेंट पर उसे उसकी तनख्वाह का आधा पैसा पेंशन के रूप में मिले। सरकार कहती है हम गारंटी देंगे तो न्यू पेंशन स्कीम का मतलब क्या है। हमारा कहना है कि सरकार फिर कर्मचारियों का पैसा बाजार में क्यों लगा रही है। बाजार डूब गया तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। यदि सरकार गारंटी नहीं देगी तो हम भी कोई समझौता नहीं करेंगे।
६.७८ लाख रेलकर्मी हिला देंगे सरकार को
आज की में तारीख मिनिमम वेज, फिटमेंट फॉर्मूला और एनपीएस पर सरकार नहीं मानेगी तो हम लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी लड़ाई लड़ेंगे। हमारे 6 लाख ७८ हजार नए रेलकर्मी हैं उनमें से यदि आधे भी हड़ताल पर बैठ गए तो सरकार रेल नहीं चला पाएगी। हमारा संगठन इन मुद्दों पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं कने वाला है यह बात सरकार अच्छे से समझ ले।
सीपीडब्ल्यूडी स्ट्रक्चर को मानेगी रेलवे
रेलवे बोर्ड की पीएनएम बैठक में यह निर्णय हुआ है कि रेलवे में सीपीडब्ल्यूडी के स्ट्रक्चर को मान्य किया जाएगा। यह स्ट्रक्चर बेहतर होने से मान्य किया जा रहा है। ऐसा होने से जो भी निर्माण होंगे उसमें कम से कम गुणवत्ता अच्छी रहेगी। 8 शहरों में मल्टी स्टोरी बनाकर उसमें रेलकर्मियों को रखने पर निर्णय हुआ है।