नया सब स्टेशन बनने से पहले कूनो नेशनल पार्क और उसके बफर जोन को श्योपुर से 74 किलोमीटर दूर से बिजली सप्लाई की जाती थी, अब मात्र 18 किमी से 33 केवी सेसईपुरा फीडर से मिलेगी। इससे उपभोक्ताओं के साथ पर्यटन उद्योगों को कम व्यवधान के साथ उचित गुणवत्ता की बिजली उपलब्ध होगी।
सुधार में होती थी मुश्किल
पावर ट्रांसमिशन कंपनी के मुख्य अभियंता आरके खंडेलवाल ने बताया कि 132 केवी कराहल सब स्टेशन के लिए 132 केवी सब स्टेशन शिवपुरी से 132 केवी का कॉरीडोर बनाना चुनौतीपूर्ण कार्य था। दुरूह इलाकों में पहाड़ों पर टावर खड़ा करने, सामान चढ़ाने, चट्टानी भूमि पर फाउंडेशन बनाना तथा असमतल भौगोलिक क्षेत्र में इरेक्शन व स्ट्रीगिंग कर कॉरीडोर बनाना बहुत जटिल था। पूरे निर्माण में करीब10 किलोमीटर का सघन रिजर्व वन क्षेत्र भी शामिल है। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने वन भूमि का उपयोग करने के एवज में 15 किलोमीटर वन क्षेत्र में पौधरोपण भी किया।
खंडेलवाल ने बताया कि नए सब स्टेशन कराहल के उर्जीकृत होने से कूनो नेशनल पार्क के अलावा गोरस, खिरकरी आदि क्षेत्रों में भी बिजली आपूर्ति होगी। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कम्पनी श्योपुर जिले में पांच अति उच्च दाब सब स्टेशनों से बिजली आपूर्ति करेगी। नवनिर्मित 132 केवी सब स्टेशन कराहल के अलावा श्योपुर जिले में मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कम्पनी का एक 220 केवी सब स्टेशन श्योपुर तथा 132 केवी के तीन सबस्टेशन बड़ौदा, विजयपुर एवं श्योपुर कलां भी हैं।
इन्हें मिलेगा लाभ
परियोजना में 45 ग्रामों के तीन हजार कृषि, पम्प उपभोक्ताओं, चार हजार घरेलू उपभोक्ताओं, 245 व्यावसायिक (गैर घरेलू) उपभोक्ताओं, आठ हजार बीपीएल उपभोक्ताओं, 30 पावर उपभोक्ताओं के अतिरिक्त लगभग 21 हजार उपभोक्ताओं प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा।