आज का पंचांग
शुभ विक्रम संवत् : 2075
संवत्सर का नाम : विरोधकृत्
शाके संवत् : 1940
हिजरी संवत् : 1440
मु.मास: सफर-1
अयन : दक्षिणायण
मास : आश्विन
पक्ष : शुक्ल
तिथि – प्रात: 7.8 तक भद्रा तिथि द्वितीया उपरंात जया तिथि तृतीया रहेगी। भद्रा तिथि मे सभी प्रकार के मागलिक कार्य संपन्न किये जाा सकते है। विवाह,गृहारंभ, उपनयन, वास्तु, प्रतिष्ठा एवं पौधारोपण जैसे कार्य इस तिथि मे अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते है,वही जया तिथि भी इन कार्यो के लिये अत्यंत उपयुक्त मानी जाती है।
योग- ृदोपहर 12.47 तक विष्कुंभ उपरंात प्रीति योग रहेगा दोनो ही योग अत्यंत शुभ सुखद है7
विशिष्ट योग- आज नवरात्रि का द्वितीय दिवस है आज देवी माँ के दूसरे स्वरूप माँ ब्रम्हचारिणी का पूजन शुभ है।
करण- सूर्यादय काल से कौलव उपरंात तैतिल तदनंतर गर करण का प्रवेश होगा करण गणना सामान्य है।
नक्षत्र- चर संज्ञक तिर्यड़मुख नक्षत्र स्वाती दोपहर 12.33 तक उपरंात मित्रसंज्ञक विशाखा नक्षत्र रहेगा। स्वाती नक्षत्र मे शिक्षा, कारीगरी, शिल्पविद्या, उपनयन, जलयंत्रनिर्माण, मशीनरी से जुड़े कार्य संपन्न किये जा सकते है,वही विशाखा नक्षत्र मे औषधिसेवन, औषधि निर्माण से जुड़े कार्य अत्यंत शुभ तथा मंगलकारी माने जाते है।
शुभ मुहूर्त – आज नामकरण, अन्नप्राशन,सुवर्ण आभूषण, अलंकार, गृहसाजसज्जा, पुखराज धारण,सेवारंभ, भूमि क्रय विक्रय जैसे कार्यो हेतु दिन शुभ तथा अनुकूल रहेगा।
श्रेष्ठ चौघडि़ए -आज सूर्यादय प्रात: 6.00 से 7.30 शुभ दोपहर 10.30 से 3.00 चर,लाभ,अमृत रात्रि 6.00 से 9.00 चर अमृत की चौंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंंघडिय़ा शुभ तथा सुखद है।
व्रतोत्सव-आज आज नवरात्रि का दूसरा दिवस है आज के दिन माँ ब्रम्हचारिणी का पूजन करना अतयंत कल्याणकारी माना जाता है।
चन्द्रमा : दिवस रात्रि पर्यंत तक तुला राशि मे संचरण करेगा
दिशाशूल: आज का दिशाशूल दक्षिण दिशा मे रहता है इस दिशा की ब्यापारिक यात्रा को यथा संभव टालना हितकर है । चँद्रमा का वास पश्चिम दिशा मे है सन्मुख एवं दाहिना चँद्रमा शुभ माना जाता है । राहुकाल: दोपहर 1.30.00 वजे से 3.00.00 वजे तक। (शुभ कार्य के लिए वर्जित)
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज :आज जन्मे बालको का नामाक्षर रू,रे,रो,ता अक्षर से आरंभ कर सकते है। स्वाती नक्षत्र एवं रजतपाद चरण मे जन्मे जातक सामान्यत: स्वस्थ, सुंदर, मिलनसार,नैसर्गिक कार्यो मे रूचि रखने वाले, दयालु, परोपकारी, एवं कार्य कुशल होते है।इस नक्षत्र मे जन्मे बालको की राशि तुला तथा राशि स्वामी शुक्रदेव है। अभियांत्रिकी, चिकित्सा, अथवा स्वतंत्र व्यवसाय के क्षेत्र मे सफल रहेगे।