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जबलपुर

कोरोना मरीजों के लिए राहत भरी सूचना, दूर होने जा रही है यह किल्लत

– मरीजों के संकट को संज्ञान में लिया प्रशासन ने

जबलपुरSep 18, 2020 / 09:27 pm

Ajay Chaturvedi

आक्सीजन के सहारे अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज (प्रतीकात्मक फोटो)

आक्सीजन के सहारे अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज (प्रतीकात्मक फोटो)

जबलपुर. कोरोना मरीजों और उनके परिवारजनों के लिए राहत भरी सूचना है। गंभीर रूप से बीमार हो कर विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों के संकट को जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया है। दावा है कि सब कुछ सामान्य होगा। किसी मरीज को इलाज में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
बता दें कि अभी दो दिन पहले तक जिले में कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर गंभीर संकट पैदा होता नजर आने लगा था। मामला ऑक्सीजन की आपूर्ति से जुड़ा था। जिले के तमाम निजी अस्पतालों की आम शिकायत थी कि एक तो ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो रही है, जो मिल भी रहा है वह दोगुने और तीनगुने दाम पर मिल रहा है। खास तौर पर ऑक्सीजन सिलेंडरों की रीफिलिंग की समस्या ज्यादा रही।
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सोशल मीडिया पर वायरल इस सूचना को जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया है। एसडीएम अधारताल ऋषभ जैन को केवल ऑक्सीजन सप्लाई बनाए रखने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। एसडीएम ने बताया कि जबलपुर के आसपास के 8 जिले भी लगभग जबलपुर के भरोसे हैं। इन जिलों में भी ऑक्सीजन की सप्लाई निर्बाध बनाए रखने के प्रयास जारी हैं। खाली सिलेंडर की कमी को दूर करने के लिए शहर की औद्योगिक इकाइयों को 300 नए सिलेंडर बनाने का ऑर्डर दिया गया है।
एसडीएम के मुताबिक जबलपुर से जिन 8 जिलों में ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है वो हैं, शहडोल, दमोह, कटनी, सागर, सिवनी, उमरिया, डिंडौरी और मंडला। इन सभी जिलों मांग के अनुरूप ऑक्सीजन पूर्ति की जा रही है।
जिले में लगभग 6 हजार 700 ऑक्सीजन सिलेंडर वर्तमान में तीन एजेंसियों व विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध कराये गए हैं। इनमें नागपुर, भिलाई और राउरकेला की कंपनियों से टैंक बुलवाकर शहर की निजी एजेंसियों से फिलिंग कराई जा रही है।
oxygen cylinder
ऑक्सीजन की कहां कितनी खपत

-मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 1100 सिलेंडर प्रतिदिन
-विक्टोरिया में लगभग 600 सिलेंडर प्रतिदिन
-निजी अस्पतालों में 500 से 600 सिलेंडर प्रतिदिन

प्रशासन ने ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई निर्बाध बनाए रखने के लिए एसडीएम स्तर के अधिकारी का नंबर भी जारी किया है। जिसे लेकर अब उनके पास व्यावहारिक परेशानी भी आने लगी है। जिम्मेदारी मानते हुए अधिकारी भी इससे पीछे नहीं हट रहे हैं। दरअसल, जिले के विभिन्न अस्पतालों के प्रबंधकों को ऑक्सीजन सप्लाई की समस्या के अलावा अब ऐसे मरीज भी सीधे अधिकारियों को फोन कर रहे हैं, जिन्हे घर में ही ऑक्सीजन चाहिये। मांग को देखते हुए प्रशासन ने छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई भी बढ़ा दी है। इसी तरह अस्पतालों में पर्याप्त ऑक्सीजन बनी हुई है, लेकिन कुछ अस्पतालों में सामान्य मरीजों को भर्ती नहीं करने को लेकर ऑक्सीजन की कमी बता दी जाती है जो कि प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। कमी को दूर करने के लिए प्रशासन ने 300 सिलेंडर बनवाने का ऑर्डर दिया है।
“जिले में 300 नए ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने के लिए औद्योगिक इकाइयों को ऑर्डर दिए गए हैं। इसके बाद खाली सिलेंडर की कमी दूर हो जाएगी। वर्तमान में रोजाना 2 हजार से 2200 ऑक्सीजन सिलेंडर तक की खपत हो रही थी जो लगभग 50 फीसद बढ़ गई है। प्रशासन की पूरी तैयारी है। किसी भी प्रकार से ऑक्सीजन में कमी नहीं होने दी जाएगी।”-ऋषभ जैन, एसडीएम व नोडल अधिकारी, ऑक्सीजन सप्लाई जबलपुर

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