सूत्रों ने बताया कि निर्माणियों के निगम बनने के बाद उनका संचालन सीएमडी के पास होगा। वह न केवल उत्पादन बल्कि पूरे इस्टेट की देखरेख और खाली जमीन के सदुपयोग की रणनीति बनाएगा। इस सम्बंध में ओएफबी पत्र लिखकर चारों आयुध निर्माणियों से जमीन और कब्जों की जानकारी मांगी है।
सबसे ज्यादा जमीन ओएफके के पास
शहर में चार आयुध निर्माणियां हैं। इनमें सबसे ज्यादा जमीन आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) के पास है। निर्माणी और इस्टेट मिलाकर तकरीबन 4 हजार 500 एकड़ भूमि पर उसका आधिपत्य है। गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) के पास लगभग 1900 एकड़ और वीकल फैक्ट्री जबलपुर (वीएफजे) तथा ग्रे आयरन फाउंड्री (जीआइएफ) को मिलाकर करीब 900 एकड़ जमीन है। रक्षा मंत्रालय ने करीब तीन साल पहले रक्षा भूमि का आकलन कराया था।
आयुध निर्माणियों का क्षेत्रफल
4500 एकड़ ओएफ के।
1900 एकड़ जीसीएफ ।
900 एकड़ वीएफ जे।
सरकार ने आयुध निर्माणियों को निगम बना दिया है तो उनकी जमीन को वह कैसे छोड़ देगी। निगमीकरण के बाद भविष्य में यदि इनका निजीकरण होता है तो उद्योगपतियों को बेशकीमती जमीन बिना प्रयास किए मिल जाएगी।
एसएन पाठक, राष्ट्रीय अध्यक्ष, एआइडीइएफ