news facts-
मुख्य मार्गों पर ही बड़े खतरे
संकरे पुल की वजह से हो रहे हैं हादसे
जिम्मेदार नहीं ले रहे सुध
जानकारी के अनुसार प्रयागराज से नागपुर जा रही बस का जिस स्थल पर एक्सीडेंट हुआ है, वहां पहले भी हादसे हुए हैं। पुलिया काफी संकरी है। रैलिंग महज ढाई फुट की है। चौड़ी सडक़ के बाद अचानक से संकरी पुलिया आती है। इसके लिए न संकेतक लगाए गए न ही रैलिंग पर रेडियम आदि लगा है। बाहर से आने वाले चालक अक्सर यहां भ्रमित हो जाते हैं।
परियट पुल भी खतरनाक-करौंदा नाला से पनागर के बीच में परियट का पुल भी खतरनाक है। मोड़ पर बने इस संकरे पुल पर भी अक्सर एक्सीडेंट होते रहते हैं। कई बार बीच पुल पर एक्सीडेंट के चलते आवागमन बाधित हो चुके हैं। बाइपास चालू हो जाने के बावजूद पनागर से शहर तक आवागमन के लिए इसी मार्ग का उपयोग किया जाता है।
यह है स्थिति
3603 वर्ष 2018 में हुए कुल हादसे
431 हादसों में कुल मौतें
3503 हादसों में घायल
79.02 लाख रुपए यातायात सुधार पर खर्च
गोहलपुर की पुलिया
गोहलपुर थाने से दमोहनाका के बीच स्थित गोहलपुर नाला पर बनी पुलिया भी बॉटलनेक आकार की है। यहां भी सडक़ हल्का टर्न लिए है। कई बार हादसे हो चुके हैं। पुल को चौड़ा बनाने की मांग 10 साल से लम्बित है। अक्सर इसकी वजह से इस क्षेत्र में जाम लग जाता है।
चरगवां रोड पर भी संकरी पुलिया की वजह से हुआ था हादसा-
अप्रैल 2017 में चरगवां में भी इसी तरह संकरी पुलिया से टकरा कर वन विभाग का पिकअप वाहन 15 फुट गहरी खाई में पलट गया था। तब 11 मजदूरों की मौके पर मौत हो गयी थी। ये पुलिया भी खतरनाक है।
ये हो सकता है
पुराने पुल की रेलिंग पर रेडियम लगाए जाएं
पुलिया के दोनों तरफ चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं
दोनों तरफ स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं
पर्याप्त स्ट्रीट लाइट लगायी जायं