जबलपुर। आपने बसों में भीड़ का माहौल तो देखा ही होगा। भारत देश में ये आम बात है, खचाखच भरी बसें और बस की छत पर चढ़े सैकड़ों लोग। बस के टायर, दूर से देखने पर लगता है मानों ये दबे जा रहे हैं। लेकिन लोगों को जहां अपने गंतव्य तक पहुंचने की जल्दी है वहीं बस चालक और संचालकों को ज्यादा इंकम की। एक बार फिर ऐसा ही नजारा लोगों के सामने आया, लेकिन इस दृश्य ने लोगों को अपनी ओर इस कदर आकर्षित किया कि वे उसकी तारीफ करने से खुद को रोक नही सके।
दरअसल, उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत-कला अकादमी द्वारा मध्यप्रदेश राज्य रूपंकर रंग रेखा कला पुरस्कार प्रदर्शनी में ये दृश्य एक कृति में देखने मिला। यहां एक से बढ़कर सुंदर कृतियों को इन दिनों देखने शहरवासी व कलाप्रेमी पहुंच रहे हैं। ग्रामीण परिवेश से लेकर ऐसे दृश्य भी यहां नजर आ रहे हैं जो कलाकारी का नायाब नमूना हैं।
57 कलाकारों की 85 कृतियां
इस प्रदर्शनी में शहर के अलावा नरसिंहपुर, दमोह, कटनी, टीकमगढ़, पन्ना, सतना, छतरपुर, सागर, रीवा, सीधी, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, होशंगाबाद, सिवनी, बालाघाट, बैतूल, मंडला, डिंडौरी, सिंगरौली के सृजन शिल्पियों ने हिस्सा लिया है। प्रदर्शनी में 57 कलाकारों की 85 कृतियां प्रदर्शित की गई हैं।
Home / Jabalpur / चित्रों में दिखे भारत के अनोखे नजारे, आपने कहीं नही देखी होगी ऐसी बस