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आसाराम बापू जवान बने रहने के लिए करता था इसका सेवन, महिलाओं को कहा था मनचली

locationजबलपुरPublished: Apr 25, 2018 04:35:42 pm

Submitted by:

Lalit kostha

आसाराम बापू जवान बने रहने के लिए करता था इसका सेवन, महिलाओं को कहा था मनचली

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जबलपुर। नाबालिग से यौन शोषण के मामले में आसाराम बापू को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। इसके बाद उनके लाखों अनुयायियों में दुख की लहर चल पड़ी है। जबलपुर में आसाराम बापू के हजारों की संख्या में भक्त हैं। वे आज भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं कि बापू किसी बच्ची के साथ दुष्कर्म कर सकते हैं। वे संत हैं। लेकिन बापू का विवादों से नाता पुराना रहा है। वे जबलपुर प्रवास के दौरान भी ऐसे बयान दे चुके हैं, जिनको लेकर खूब बवाल हुआ था। उन्होंने महिलाओं के चरित्र पर अंगुली उठाते हुए मनचली कह दिया था, साथ डॉक्टरों को …मी कहा था।

आसाराम बापू के लिए उनके भक्तों ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी थी। ये बहस जुल्म बंद करो नाम से हुई थी, जो गूगल पर टॉप ट्रेंड में भी कई दिनों तक बनी रही। भक्तों ने बहस में बापू को निर्दोष, बीमार व झूठे आरोपों में फंसाने की बात कही थी। हाल ये है कि उनके समर्थकों द्वारा की जा रही बहस पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड्स में शामिल है।

ये है मामला
आसाराम बापू तीन साल पहले साल 2013 जनवरी में जबलपुर भी आए थे, जहां उन्होंने अपनी दो दिवसीय प्रवचन सभा में महिलाओं व डॉक्टरों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देकर अच्छा खासा हंगामा खड़ा कर दिया था।

महिलाओं को कहा मनचली
आसाराम बापू ने अपने प्रवचन में कहा था कि मनचली महिलाएं शादी के बाद भी आजादी के नाम पर धारा 498ए का दुरुपयोग करती हैं। वे मनचली होती हैं, इसलिए पूरे परिवार को फंसा देती हैं। वहीं डॉक्टरों को ….मी तक कह डाला था। जिसके बाद पूरे शहर में उनका विरोध होने लगा था। डॉक्टरों ने तो उनका पुतला तक जला दिया था। जैसे-तैसे मामला शांत हुआ, लेकिन उनके बयानों की चर्चा कई महीने तक शहर में होती रही।

 

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करता था इसका सेवन –

शिलाजीत का नाम विवादास्पद संतोंं के साथ जुड़ चुका है। फिर चाहे वह आसाराम हो या कोई और, वैसे तो इसका चलन वैदिक काल से है, लेकिन बीते दिनों उपजे विवादों के बाद लोगों में इसके बारे में जानने का उत्साह कुछ ज्यादा ही बढ़ गया। बहुत ही कम लोगों को पता है कि वास्तव में शिलाजीत है क्या? प्राचीन वैदिक ग्रथों के अनुसार पत्थर से शिलाजीत बनता है। गर्मियों में सूर्य की गर्मी से पहाड़ों की चट्टानों के धातु पिघलने लगती है वह शिलाजीत कहा जाता है। यह तारकोल की तरह गाढ़ा और काला होता है।

ये है इसकी खासियत
-पुरूषों की यौन शक्ति को बढ़ाता है शिलाजीत। इसके सेवन से बूढ़े इंसान में भी 20 वर्ष के जवान की तरह ताकत आ जाती है। शिलाजीत स्वाद में कसैल, गर्म और ज्यादा कड़वा होता है। इसमें से गोमूत्र की तरह की गंध आती है। यह चार प्रकार का होता है। स्वर्ण, रजत, लौह और ताम्र।

-शिलाजीत में केसर, लौहभस्म और अम्बर को मिलाकर सेवन करने से स्पनदोष ठीक हो जाता है। और पुरूष की इंद्री यौन इच्छा के लिए प्रबल हो जाती है। यह उपाय करते समय भी अधिक खटाई और मिच मसालों के सेवन से बचना उर्पयुक्त बताया गया है।

-शिलाजीत का सेवन करने से तनाव को पैदा करने वाले हार्मोंस संतुलित हो जाते हैं जिससे इंसान को टेंशन की समस्या नहीं होती है। इसमें अधिक मौजूद विटामिन और प्रोटीन की वजह से शरीर में उर्जा बढ़ जाती है।

-शिलाजीत खाने से हड्डियों की मुख्य बीमारियां जैसे जोड़ों का दर्द और गठिया की समस्या दूर होने के साथ हड्डियां मजबूत बनती हैं। शिलाजीत से बल्डप्रेशर को सामान्य किया जा सकता है। यह शरीर में खून को साफ करके नसों में रक्तसंचार को ठीक करता है।

-उम्र बढऩे के साथ ही चेहरे और शरीर की त्वचा झुर्रीदार होने लगती है। ऐसे में सफेद मसूली, अश्वगंधा और शिलाजीत को मिलाकर बनाई गई दवा शरीर को फिर से जवां बनाने का काम करती है।

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