बनाए जाए ऑटो जोन, ई रिक्शा को मिले बढ़ावा
दिल्ली का टै्रफिक मैनेजमेंट करने वाली कम्पनी की रिपोर्ट
जब्त किए गए ऑटो। ,जब्त किए गए ऑटो।
जबलपुर, ऑटो के संचालन के लिए शहर को महानगरों की तर्ज पर विभिन्न जोनों में बांटा जाए। उक्त जोन में निर्धारित ऑटो संख्या हो। इतना ही नहीं ऑटो को जोन से बाहर चलाने की अनुमति नहीं दी जाए। यदि ऐसा होता है, तो शहर का ट्रैफिक सुधर सकता है। यह बात दिल्ली के ट्रैफिक का मैनेजमेंट करने वाली कम्पनी ने अपनी रिपोर्ट में कही है। यह रिपोर्ट सडक़ सुरक्षा समिति में पेश की जा चुकी है। ऐसा माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही कार्रवाई शुरू हो सकती है।
फैक्ट
वर्तमान में ऑटो के लिए रूट- 40
इतने रूटों पर ऑटो का संचालन- 15
जिन रूटों पर संचालन नहीं- 25
रूटों के लिए आवंटित रंग- 04
नए परमिट न हों जारी, ई रिक्शा को बढ़ावा
कंपनी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि डीजल ऑटो के नए परमिट जारी न किए जाएं। यदि ऐसा होता है, तो स्थिति भयावह होने से बच सकेगी। इतना ही नहीं ई रिक्शा को बढ़ावा दिया जाए। बैटरी से चलने वाली छोटी बसों को भी विभिन्न मार्गों पर उतारा जाए। यदि ऐसा होता है, तो शहर का ट्रैफिक सुधर सकता है।
इन बिन्दुओं पर किया गया सर्वे
-वर्तमान में ऑटो की संख्या
-वर्तमान में विभिन्न रूट में ऑटो
-सडक़ों का निरीक्षण और आवश्यकता
-विभिन्न वाहनों की संख्या
-सडक़ों की कैपेसिटी
-यात्रियों की आवश्यकता
-सडक़ों की कनेक्टिविटी
-यात्रियों से फीडबैक
-ड्राइवर और ऑपरेटर्स से बातचीत
-ऑटो के रूट की मैपिंग
-प्रायमरी व्यवस्था
-सभी रूट पर विभिन्न डाटा कलेक्शन
70 प्रतिशत पर नहीं चलते ऑटो
हाईकोर्ट के निर्देश पर आरटीओ की टीम ने अक्टूबर 2018 में रूटों का निर्धारण किया था। शहर में ऑटो के लिए 40 रूट आवंटित किए थे। इनकी पहचान के लिए उन्हें हरा, नारंगी, लाल और नीला रंग आवंटित किया था। कुछ दिन तक सब सही चला, लेकिन बाद में सभी ऑटो मुख्य रूट पर चलने लगे और हालात पहले जैसे हो गए।
वर्जन
दिल्ली का टै्रफिक मैनेजमेंट करने वाली कंपनी ने रिपोर्ट सडक़ सुरक्षा समिति में पेश की है। रिपोर्ट में ऑटो के लिए विभिन्न जोन बनाए जाने और डीजल ऑटो का परमिट जारी न करने की सिफरिश की गई है।
संतोष पॉल, आरटीओ
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