scriptप्रशासनिक लापरवाही से बिगड़ी नर्मदा तटों की खूबसूरती | Beauty of Narmada beache deteriorated due to administrative negligence | Patrika News
जबलपुर

प्रशासनिक लापरवाही से बिगड़ी नर्मदा तटों की खूबसूरती

सुरक्षा और पर्यटन की दृष्टि से किया गया सौंदर्यीकरण मिटने की कगार पर

जबलपुरNov 06, 2021 / 11:21 pm

manoj Verma

The beauty of Narmada beache deteriorated due to administrative negligence

धौलपुरी पत्थर उखड़ रहे हैं, पिलर पानी में गिर रहे हैं, लोहे की जंजीर गायब हो चुकी है।

जबलपुर. एहतिहासिक महत्व, लोगों की आस्था और पर्यटन को देखते हुए शहर के संवारे गए ग्वारीघाट और तिलवाराघाट नर्मदा तट बदहाल हो गए हैं। इन तटों पर किया गया लाखों रुपए का सौंदर्यीकरण मिटने की कगार पर पहुंच गया है। तटों के हाल यह हो गए हैं यहां कीमती धौलपुरी पत्थर उखड़ रहे हैं। सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए पिलर पानी में गिर गए हैं। लोहे की जंजीर गायब हो चुकी है। निगरानी के अभाव में लोग पत्थरों से होते हुए नदी के बीच में पहुंच रहे हैं, जो खतरनाक साबित हो सकता है।
शहर के नर्मदा तट ग्वारीघाट को पवित्र क्षेत्र घोषित किया गया है। ग्वारीघाट में नियमित रूप से रोजाना मां नर्मदा की आरती भी की जाती है। इसके लिए नया तट बनाया गया है। इस तट को बनारस की तर्ज पर धौलपुरी पत्थरों का इस्तेमाल करके इसे बनाने की कोशिश की गई है। इसके अलावा तिलवाराघाट में भी पुराने और नए पुल के बीच में नर्मदा तट का विकास किया गया है। धौलपुरी पत्थरों के बीच नदी किनारे पत्थर के पिलर लगाकर उस पर लोहे की जंजीर बांधी गई है ताकि पर्यटक इसके आगे न जा सके।
ये है हालत

ग्वारीघाट
बारिश में नर्मदा का जल स्तर बढऩे के दौरान पानी सडक़ तक पहुंच गया था, जिससे ये तट पानी में समाहित हो गया था। जलस्तर कम होने के बाद यहां की हालत यह है कि जगह-जगह से पत्थर उखड़ गए हैं। यहां मंदिरनुमा ढांचे के गुंबज क्षतिग्रस्त दिखाई दे रहे हैं। पिलर की जंजीर गायब हो चुकी है। पत्थरों के किनारे पानी के बहाव से कट गए हैं।
दो वर्ष से टूटा मंदिरनुमा ढांचे की नहीं हुई मरम्मत : ग्वारीघाट के उमाघाट में सौंदयीकरण के तहत बनाया गया मंदिरनुमा एक ढांचा दो वर्ष पहले पानी के बहाव में क्षतिग्रस्त होकर बह गया था, जिसे अब तक नहीं बनाया गया है। इसी तरह इस बारिश में भी दो मंदिरनुमा ढांचे क्षतिग्रस्त चुके हैं।
तिलवाराघाट
तिलवाराघाट में भी बारिश के पानी से जलस्तर बढ़ा था। यहां पानी के बहाव से सबसे ज्यादा क्षति हुई है। तट पर लगाए गए पिलर गिर गए हैं। दो पिलर तट के किनारे पानी में दिखाई दे रहे हैं। पिलर के किनारे के पत्थर उखड़ चुके हैं, जिससे नदी के किनारे एक बड़ा हिस्सा पत्थरविहीन उबड़खाबड़ हो गया है।
पुराने पुल तक के पत्थर क्षतिग्रस्त : तिलवाराघाट में पुराने पुल तक के धौलपुरी पत्थर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक दो वर्ष पहले जलस्तर बढऩे के साथ ये क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिसके बाद इसकी मरम्मत नहीं की गई है। इस बार तट के किनारे को पानी के बहाव ने उखाड़ दिया है।
-नर्मदा तटों की मरम्मत की जानी है। बारिश के बाद रखरखाव किया जाता है। तटों के सर्वे के बाद काम शुरू किया जाएगा।
राजेश गुप्ता, प्रभारी, पीडब्ल्यूडी विभाग (नगर निगम)

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