टीकमगढ़ निवासी वीना गुप्ता ने याचिका में कहा कि उसकी नियुक्ति जनौली संकुल केंद्र ओरछा, टीकमगढ़ में संविदा शिक्षक वर्ग-तीन के पद पर आठ जुलाई 2013 को हुई, लेकिन संकुल प्राचार्य और बाबू ने मिलीभगत से उसे 26 जुलाई 2014 को समय के पूर्व ही गैरहाजिर कर दिया। उसका एक दिन का भी वेतन काट लिया गया। तीन अक्टूबर 2015 को उसकी परिवीक्षा अवधि एक साल के लिए बढ़ा दी गई। परिवीक्षा अवधि समाप्त होने के बाद भी उसे अध्यापक संवर्ग में शामिल नहीं किया गया।
अधिवक्ता एसडी गुप्ता, जीएल सक्सेना, आशा नामदेव ने तर्क दिया कि एक गलती के लिए किसी भी कर्मचारी को दो सजाएं नहीं दी जा सकतीं। इस सम्बंध में याचिकाकर्ता ने जिला शिक्षा अधिकारी को अभ्यावेदन दिया, लेकिन उसका निराकरण नहीं हुआ। अंतिम सुनवाई के बाद मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के आवेदन का छह सप्ताह में निराकरण करने के निर्देश दिए।
इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर की मेडिकल रिपोर्ट पेश करो
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के संचालक सुरेश भदौरिया की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए हमीदिया अस्पताल में भदौरिया के भर्ती रहने के दौरान की मेडिकल रिपोर्ट मांगी है। बुधवार को जस्टिस विजय कुमार शुक्ला व जस्टिस नंदिता दुबे की स्पेशल बेंच ने सीबीआई के अधिवक्ता को यह रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अगली सुनवाई तीन मई को होगी। भदौरिया फिलहाल जेल में है। सीबीआई ने उसे व्यापमं घोटाले के तहत प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) फर्जीवाड़ा में शामिल होने के आरोप में भादंवि और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया है।