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जबलपुर

लोकसभा चुनाव : इवीएम और वीवीपेट के दुरुपयोग की आशंका को देखते हुए चुनाव आयोग ने उठाया ने बड़ा कदम

वाहनों को जीपीएस से लैस किया जाएगा, करीब 700 वाहन हैं जिन्हें जीपीएस से किया जाएगा लैस

जबलपुरApr 18, 2019 / 08:45 pm

abhishek dixit

जबलपुर. लोकसभा चुनाव में जिन वाहनों से इवीएम और वीवीपेट मशीन का परिवहन होगा, उन पर निर्वाचन आयोग कड़ी निगाह रखेगा। इस काम के लिए इन वाहनों को जीपीएस से लैस किया जा रहा है। जिला निर्वाचन कार्यालय ने वाहनों में जीपीएस डिवाइज लगाने का काम गुरुवार को शुरू किया गया। ट्रायल के तौर पर पांच वाहनों में डिवाइज लगाई। इन वाहनों को मतदान केन्द्र भेजा गया। उनके सिग्नल टेस्ट किए गए। ऐसे करीब 700 वाहन हैं जिन्हें जीपीएस से लैस किया जाएगा।

निर्वाचन आयोग ने इवीएम और वीवीपेट के दुरुपयोग की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया है। प्रदेश के प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में जिन भी वाहनों में इवीएम होगी, उनमें जीपीएस लगाया जाएगा। माना जाता है कि पूर्व के चुनाव में सागर में मतदान दल के सदस्य इवीएम को अपने साथ होटल में ले गया था। यह रिजर्व ईवीएम थी, लेकिन इस पर काफी विवाद हुआ था। इसलिए अब प्रत्येक इवीएम वाले वाहनों की लोकेशन जानने के लिए जीपीएस लगाया जा रहा है।

छोटी सी डिवाइज सेटेलाइट से जुड़ी
कलेक्टर कार्यालय में परिवहन विभाग के द्वारा पांच वाहनों में जीपीएस डिवाइस को लगवाया गया। यह सीधे सेटेलाइट से जुड़ी हेाती है। इन्हें वाहनों के इंजन वाले पैनल में रखा गया। वाहन की बैटरी से डिवाइज को ऊर्जा दी जाती है। इन्हें लगाकर शहर और ग्रामीण क्षेत्र में भेजा गया। सिस्टम ठीक से काम कर रहा है या नहीं इसका आकलन ठेका कंपनी और निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों ने देखा। इसी तरह की टेस्टिंग शुक्रवार के दिन भी की जाएगी।

जिला निर्वाचन कार्यालय में कंट्रोल रूम
अभी भोपाल से मॉनिटरिंग की जा रही है। जल्द ही जबलपुर में इसका कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। यह डिवाइज लगाने वाली कंपनी के संचालक जितेन्द्र सोनी ने बताया कि गाडिय़ों में डिवाइज लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 24 अप्रैल को कर्मचारियों को इसकी टे्रनिंग दी जाएगी। इस यंत्र के माध्यम से वाहन की स्थिति का पता लगाया जा सकेगा। इससे यह जानकारी मिल सकेगी कि इवीएम को लेकर वाहन कहां से कहां पहुंंचा। बीच में कितनी देर एवं कहा रुका।

इतने वाहनों में लगेगी डिवाइज
– सेक्टर अधिकारी के 160 वाहनों में।
– मतदान दलों की करीब 540 गाडिय़ों में।
– भोपाल इवीएम लेकर जाने वाले 8 वाहन।
– लगभग 10 प्रतिशत अतिरिक्त वाहनों में

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