जबलपुर. संस्कारधानी जैव विविधता से समृद्ध है। इधर की जैव विविधता में कई जीव, जंतुओं, पक्षियों, कीटों और पौधों की प्रजातियां मौजूद हैं। जो शहर की प्रकृति को खूबसूरत बना रहे हैं। जैव विविधता समृद्ध होने के कारण ही यहां तितलियों की 130, तो पक्षियों की 351 प्रजातियां मौजूद हैं। वहीं सालभर होने वाले पौधरोपण की सक्रियता के कारण भी शहर के कई हिस्सों में प्रकृति बस रही हैं। लोगों को प्रकृति से जोड़ने के लिए ही हर साल 22 मई को जैव विविधता दिवस मनाया जाता है।
नेचर से जुड़ी संस्थाओं के प्रयास शहर में सिटीजन फॉर नेचर सोसायटी द्वारा प्रकृति संरक्षण के लिए विशेष काम किया जा रहा है। इस संस्था में ज्यादातर मेंबर डॉक्टर्स और अन्य प्रोफेशन से जुड़े हुए हैं, जो प्रोफेशनल लाइफ के बीच पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष कार्य करने का बीड़ा उठाते हैं। संस्था द्वारा तितलियों, पतंगों, पक्षियों का सर्वे किया जाता है।
बच्चे बन रहे नेचर कन्जर्वेटर शहर में नेचर वॉक का ट्रेंड भी बढ़ रहा है। इसमें बच्चों को सबसे अधिक जोड़ा जा रहा है। इसके चलते बच्चे जहां प्रकृति के करीब खुद को ले जा रहे हैं, वहीं नेचर कन्जर्वेटर के रूप में भी काम कर रहे हैं। असर यह है कि स्कूल स्टूडेंट होने के बाद भी हाथों में कैमरा, नोटशीट थामे पर्यावरण में होने वाली गतिविधियों के लिए जंगलों की सैर पर निकल जाते हैं।
पौधरोपण की निभा रहे जिम्मेदारी शहर में विभिन्न संस्थाओं की भागीदारी का असर है कि ठाकुरताल, सूपाताल और शहर के अन्य हिस्सों में पौधरोपण से प्रकृति को संवारने का काम किया है। दूसरी तरफ कॉलेजों में संचालित स्वयंसेवकों की टीम और एनसीसी यूनिट्स द्वारा भी पर्यावरण के लिए पौधरोपण और कारसेवा की जाती है।
ऐसे हो रहे काम ●पौधरोपण और बीजारोपण ●उपहार स्वरूप पौधे देना ●शहर के एक हिस्से को हरियाली जोन बनाना ●प्लास्टिक मुक्त जीवन के लिए पेपर बैग का इस्तेमाल ●पक्षियों और तितलियों का सर्वे करना wild animalदुर्लभ प्रजातियों पर काम
एसएफआरआई के सीनियर रिसर्च ऑफिसर डॉ. उदय होमकर ने बताया कि अनुसंधान केन्द्र में जैव विविधता को लेकर कई काम हो रहे हैं। यहां माहुल, बंगाली चलता, बैचांदी, बरबी, कल्ला, सेमल, कलिहारी, हथपन, श्योनक , गरुड़ फल, भिलवा, हल्दी जैसे दुर्लभ पौधों का संरक्षण हो रहा है। उन्होंने कहा कि शहरवासी भी अब जागरुक हो रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण कर रहे हैं। पौधरोपण जैव विविधता का प्रमुख अंग है।
नेचर वॉक आज वर्ल्ड बायोडाइवर्सिटी डे के मौके पर एसएफआरआई में नेचर वॉक का आयोजन सुबह 6.45 पर अनुसंधान केन्द्र परिसर में किया जाएगा।
Hindi News/ Jabalpur / मप्र के इस शहर में पक्षी की 351 और पाई जाती हैं 130 तरह की तितली