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#BJPGovernment जबलपुर की हुई थी उपेक्षा, महाकोशल निराश, अब मंत्रिमंडल से आस

#BJPGovernment जबलपुर की हुई थी उपेक्षा, महाकोशल निराश, अब मंत्रिमंडल से आस
 

जबलपुरDec 12, 2023 / 11:23 am

Lalit kostha

BJP Government

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जबलपुर. विधानसभा चुनावों में इस प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर लोगों ने महाकोशल को मौका मिलने की उम्मीद लगाई थी लेकिन मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष पद भी जबलपुर के खाते में नहीं गया। जिसके बाद अब जनता की उम्मीदें महाकोशल को मंत्रिमंडल में ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व दिए जाने की है। जबलपुर सहित महाकोशल अंचल के कई ऐसे नेता हैं, जिनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। यह चर्चा है कि पिछले मंत्रिमंडल में जबलपुर की उपेक्षा हुई थी। लेकिन, इस बार अब यहां ज्यादा उम्मीदें हैं।

 

नरसिंहपुर से प्रहलाद, उदय प्रताप
नरसिंहपुर से केन्द्रीय मंत्री रहे व दमोह सांसद प्रहलाद सिंह पटेल को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद है। प्रहलाद पहली बार राज्य की राजनीति में आए हैं और विधायक बने हैं। उन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा था। अब नए सिरे से भूमिका पर बात हो हरी है। वहीं, चार बार के सांसद व भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह को लेकर भी नई जिम्मेदारी की चर्चा हो रही है। उनके कद को देखते हुए पार्टी कोई निर्णय लेगी। जबकि महाकोशल से विधायक बने तीन बार के सांसद राव उदय प्रताप सिंह का नाम मंत्री पद की दौड़ में हैं।

 

इनके भी नाम की चर्चा
कटनी के विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक 2014 में भाजपा में आने के बाद राज्यमंत्री बनाए गए थे। लेकिन, 2020 में तख्तापलट के बाद उनका नम्बर नहीं लगा, अब उम्मीद है। मंडला जिले से संपतिया उईके, डिंडोरी से ओमप्रकाश धुर्वे व सिवनी से कमल मर्सकोले के नाम भी शामिल हैं। धुर्वे पूर्व में मंत्री रह चुके हैं।

जबलपुर से चार दावेदार
जबलपुर से चार विधायकों की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है। इनमें राकेश सिंह, अशोक रोहाणी, अजय विश्नोई और सुशील तिवारी के नाम हैं। विश्नोई सीनियर नेता हैं। वे 2008-2013 में शिवराज सरकार में मंत्री भी रहे हैं। रोहाणी और सुशील तिवारी जीत की हैट्रिक मारकर विधानसभा पहुंचे हैं। महाकोशल में ओबीसी फैक्टर ने जोर मारा तो पहली बार के विधायक नीरज सिंह की किस्मत खुल सकती है। बालाघाट गौरीशंकर बिसेन की हार के बाद खाली हो गया है। माना जा रहा है कि लोकसभा सीट पर एक मंत्री का फार्मूला माना गया, तो 5 से ज्यादा को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।

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