शहर से दिल्ली, इंदौर, रायपुर, बिलासपुर, कानपुर, लखनऊ, कोटा, जयपुर, इलाहबाद जैसे स्थानों तक लोगों की आवाजाही ज्यादा है। इन शहरों के लिए लगातार यात्री बढ़ रहे हैं। हालात ये है कि जबलपुर-नई दिल्ली के बीच संचालित ट्रेनों में अभी से 28 मार्च तक टिकट की प्रतीक्षा सूची है। यही हाल जबलपुर-लखनऊ चित्रकूट और भोपाल-दुर्ग अमरकंटक एक्सप्रेस का है। इसमें भी टिकट की लम्बी प्रतीक्षा सूची है। इंदौर से जबलपुर आने वाले ओवरनाइट और नर्मदा एक्सप्रेस में भी 27 मार्च के दिन कन्फर्म टिकट नहीं है।
होली पर घर आने के लिए पहले से टिकट बुक करा चुके यात्रियों की समस्या भी लम्बे सफर के बाद भी समाप्त नहीं हो रही है। ये वो यात्री हैं, जिन्हें बड़े शहरों से आने के बाद आसपास के छोटे गांव और कस्बों तक अपने घर जाना है। पैसेंजर ट्रेनें बंद होने से ऐसे यात्री शहर पहुंचने के बाद अपने घर लौटने के लिए वैकल्पिक संसाधनों के अभाव में परेशान हो रहे हैं। उत्तर-प्रदेश और बिहार से संबंध रखने वाले लोगों की बड़ी संख्या शहर और आसपास के क्षेत्र में रहती है। छत्तीसगढ़ तक भी लोगों की आवाजाही ज्यादा है। लम्बी दूरी की ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची को देखते हुए लोग जबलपुर से वाराणसी, रायपुर, दिल्ली सहित कुछ शहरों के लिए त्योहार पर विशेष ट्रेन चलाने की जरूरत पर बता रहे हैं।