रेंजर अरविंद अहिरवार ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि हरदुआ बंधा गांव में चीतल का शिकार किया गया है। शिकारी ने शीतल के शिकार के बाद उसे पकाकर खा लिया है, लेकिन चीतल के अवशेष वही खेत में पड़े हैं। सूचना पर डिप्टी रेंजर डीके अग्रवाल, बीटगार्ड अरविंद्र पटेल, रामचरण रजक और विनय शुक्ला हरदुआ बंधा गांव पहुंचे, जहां श्यामले यादव के खेत की तकवारी करने वाले श्रीलाल चौधरी (35) की झोपड़ी की तलाशी लेने पर वहां चीतल के सींग, पका हुआ आधा किलो मांस, लादी (चीतल की आंत) बरामद की।
पूछताछ में आरोपी श्रीलाल चौधरी निवासी बंधा हरदुआ ने वन अमले को बताया कि वह खेत की तकवारी का काम करता था। खेत से लगे जंगली क्षेत्र से शीतल और सूअरों की आवाजाही बनी रहती है। उसने शीतल के शिकार की योजना बनाते हुए ऊपर से गुजरे घरेलू बिजली लाइन से जीआईतार में करंट फैलाया और खूंटी को जमीन में गाड़ दिया। पानी की तलाश में जैसे ही चीतल तार के पास पहुंचा तो करंट की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई।