कॉलेजों में जनरल प्रमोशन को लेकर नियमों का पेंच
जबलपुर में छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने के लिए नहीं शुरू हो पा रही प्रक्रिया
जबलपुर•Jul 02, 2020 / 07:56 pm•
shyam bihari
student
जबलपुर। कॉलेजों में जनरल प्रमोशन की शासन की घोषणा से विश्वविद्यालय और कॉलेजों के लिए उलझन खड़ी हो गई है। विश्वविद्यालय जहां परेशान हैं कि इस तरह की घोषणा का विश्वविद्यालय अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है। कॉलेज परेशान हैं कि बिना नियम कायदों के कैसे छात्रों का रिजल्ट तैयार करें। घोषणा हुए करीब एक पखवाड़ा हो रहा है।
आसान नहीं है नियमों में बदलाव
उच्च शिक्षा सूत्रों का कहना है कि परीक्षा नहीं होने पर पिछली परीक्षा के अंकों और सीसीई के आधार पर अंक देकर रिजल्ट बनेगा लेकिन इसमें भी एक बड़ी समस्या है, बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाने से पहले विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन करना होगा। यह एक लंबी प्रक्रिया है। प्रपोजल बनाना, कैबिनेट में मंजूर करना और फिर विधानसभा में पारित करना आसान काम नहीं है। इस निर्णय के बाद उपजी परिस्थितियों को देखते हुए यूजीसी की गाइडलाइन से लेकर विश्वविद्यालय अधिनियम और एमएचआरडी के प्रावधानों को खंगाला जा रहा है।
जानकारों के अनुसार मप्र के गठन के बाद बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाने, जनरल प्रमोशन देने की स्थिति आपदा या युद्ध में भी नहीं बनी। 70 साल में पहली बार 2020 में कोविड संक्रमण के कारण छात्रों की सुरक्षा के लिए बिना परीक्षा के रिजल्ट बनाना जरूरी है। अधिनियम में बिना संशोधन किए जाने पर कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है। ऐसे में कानूनी समस्या भी खड़ी हो सकती है।
ये हैं उलझनें
कोर्स में प्रत्येक वर्ष में अलग-अलग विषय रहते हैं, ऐसे में पिछली परीक्षा के प्रदर्शन के आधार पर नए विषयों का आकलन कैसे सम्भव है। जनरल प्रमोशन के लिए पिछली परीक्षाओं के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर नंबर देना हैं। प्राप्तांक अंक या फिर इंटरनल-असाइनमेंट-प्रोजेक्ट के नंबर का आकलन करना है। इसे लेकर नियम नहीं बने हैं। फस्र्ट ईयर के विद्यार्थियों को पिछली किन परीक्षाओं के आधार पर पास करना है, इसे लेकर भी स्थिति अभी साफ नहीं है। कुलसचिव रादुविवि डॉ. दीपेश मिश्रा ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में गाइडलाइन तैयार की जा रही है। दिशा निर्देश प्राप्त होते ही विश्वविद्यालय की ओर से आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। महाकोशल कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य प्रो. आभा पांडे का कहना है कि छात्रों का रिजल्ट तैयार करने को लेकर अभी स्थितियां स्पष्ट नहीं हैं। अभी हम शासन के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई करेंगे।
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