सीओडी के कई बड़े चेहरे से नकाब हट जाएगा
सुरक्षा से जुड़े जानकारों की मानें तो इस हाइप्रोफाइल मामले की एनआइए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) ने जांच शुरू की तो सीओडी-सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो में कार्यरत कई बड़े चेहरे से नकाब हट जाएगा। सीओडी की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। संवेदनशील स्थलों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा सिर्फ गेट पर लगाया गया। सुरेश ठाकुर अपनी निजी कार से सीओडी परिसर में जाता था और एके-47 रायफल को पाट्र्स के रूप में चुराकर आराम से बाहर निकल आता था। सीओडी प्रशासन ने मुख्यालय की अनुमति का हवाला देकर क्राइम ब्रांच को भी परिसर में जांच की अनुमति नहीं दी। आठ दिन बाद टीम गई तो वहां तब तक सब कुछ साफ किया जा चुका था।
अप्रैल से हर महीने मुंगेर जाता था पुरुषोत्तम
पुरुषोत्तम और सुरेश ठाकुर 70 एके-47 रायफलों को चुराने की बात स्वीकार कर चुके हैं। अप्रैल से 28 जुलाई के बीच पुरुषोत्तम हर महीने मुंगेर जाता था। जून व जुलाई में वह दो-दो बार मुंगेर गया। हर बार वह एके-47 रायफलों की डिलेवरी देने गया था। मामले में हथियार तस्कर शमशेर और इमरान आतंकियों, डी-कम्पनी से जुड़े बदमाशों, नक्सली सहित कई सफेदपोश लोगों को रायफल बेच चुका है। जबलपुर के अलावा बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, पंजाब सहित बांग्लादेश की राजधानी ढाका तक मामले के तार जुड़ चुके हैं।