डेरा सच्चा सौदा प्रमुख संत गुरमीतसिंह राम-रहीम का विवादों से पुराना नाता रहा है। अपने भक्तों के समक्ष कभी वे भगवान विष्णु के गेटअप में आते हैं तो कभी सिक्ख गुरु गोविंद सिंह और गुरु नानक देवजी के गेटअप में सामने आते हैं। ऐसे ही एक बार जब वे सत्संग में अपने भक्तों के सामने गुरु गोविंदसिंहजी के गेटअप में आए तो विवाद भडक़ गया। सिक्खों ने देशभर में इसका जबर्दस्त विरोध किया था। तब जबलपुर में भी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के खिलाफ बड़ा और उग्र प्रदर्शन किया गया था। शहर में बड़ी संख्या में सिक्ख रहते हैं और तब गुरमीतसिंह राम-रहीम के विरोध में पूरा सिक्ख समुदाय सडक़ पर उतर आया था।
गुुरमीतसिंह राम-रहीम के एक और विवाद के कारण जबलपुर जबर्दस्त चर्चा में रहा था। यह घटना करीब नौ साल पहले तब घटी थी जब डेरा सच्चा सौदा प्रमुख फिर एक बार सिक्ख समुदाय के निशाने पर थे। जनवरी २००८ में उनके एक निजी सुरक्षाकर्मी ने एक सिक्ख युवक को मार दिया था जिससे भडक़ा सिक्ख समाज पंजाब और हरियाणा में उनका जमकर विरोध कर रहा था। उस दौरान सिक्खों ने पंजाब और हरियाणा में रेलवे टे्रकों पर कब्जा कर रेल यातायात रोक दिया था। इसके कारण कई ट्रेनों को रोक दिया गया था। प्रदर्शनकारियों ने जिन ट्रेनों को रोक दिया था उनमें जबलपुरवासियों की भी एक ट्रेन शामिल थी। जबलपुर से वैष्णो देवी और अमरनाथ जा रहे यात्रियों को कई घंटो तक भय के साए में बैठना पड़ा था। यह जबलपुर-जम्मूतवी ट्रेन फगवाड़ा के पास रोकी गई थी। ट्रेन में कई सिक्ख तीर्थयात्री भी सवार थे। बाद में बमुश्किल पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाकर इस ट्रेन को रवाना किया था।